विश्वकर्मा देवता इस ब्रह्मांड में वास्तुकला, औजार, शिल्पकला, मूर्तिकला एवं वाहनों समेत समस्त वस्तुओं के अधिष्ठात्रा है. सनातन धर्म में विश्वकर्मा को निर्माण एवं सृजन का देवता कहा जाता है. इनके अस्तित्व का वर्णन हमे ऋग्वेद एवं यजुर्वेद में पढ़ने मिलता है.
हमारे भारत में देवता विश्वकर्मा को शिल्पशास्त्र का अविष्कार करने वाला. महान देवता माना जाता है. इसलिए सभी कारीगर उनकी आराधना करते है. आज इस लेख में हम vishwakarma 108 naam देखने वाले है. तो चलिए शुरू करते है.
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देवता विश्वकर्मा के 108 नाम | Vishwakarma 108 naam
1. ॐ विश्वकर्मणे नमः
2. ॐ विश्वात्मने नमः
3. ॐ विश्वस्माय नमः
4. ॐ विश्वधाराय नमः
5. ॐ विश्वधर्माय नमः
6. ॐ विरजे नमः
7. ॐ विश्वेक्ष्वराय नमः
8. ॐ विष्णवे नमः
9. ॐ विश्वधराय नमः
10. ॐ विश्वकराय नमः
11. ॐ वास्तोष्पतये नमः
12. ॐ विश्वभंराय नमः
13. ॐ वर्मिणे नमः
14. ॐ वरदाय नमः
15. ॐ विश्वेशाधिपतये नमः
16. ॐ वितलाय नमः
17. ॐ विशभुंजाय नमः
18. ॐ विश्वव्यापिने नमः
19. ॐ देवाय नमः
20. ॐ धार्मिणे नमः
21. ॐ धीराय नमः
22. ॐ धराय नमः
23. ॐ परात्मने नमः
24. ॐ पुरुषाय नमः
25. ॐ धर्मात्मने नमः
26. ॐ श्वेतांगाय नमः
27. ॐ श्वेतवस्त्राय नमः
28. ॐ हंसवाहनाय नमः
29. ॐ त्रिगुणात्मने नमः
30. ॐ सत्यात्मने नमः
31. ॐ गुणवल्लभाय नमः
32. ॐ भूकल्पाय नमः
33. ॐ भूलेंकाय नमः
34. ॐ भुवलेकाय नमः
35. ॐ चतुर्भुजय नमः
36. ॐ विश्वरुपाय नमः
37. ॐ विश्वव्यापक नमः
38. ॐ अनन्ताय नमः
39. ॐ अन्ताय नमः
40. ॐ आह्माने नमः
41. ॐ अतलाय नमः
42. ॐ आघ्रात्मने नमः
43. ॐ अनन्तमुखाय नमः
44. ॐ अनन्तभूजाय नमः
45. ॐ अनन्तयक्षुय नमः
46. ॐ अनन्तकल्पाय नमः
47. ॐ अनन्तशक्तिभूते नमः
48. ॐ अतिसूक्ष्माय नमः
49. ॐ त्रिनेत्राय नमः
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देवता विश्वकर्मा के 108 नाम | Vishwakarma 108 naam
50. ॐ कंबीघराय नमः
51. ॐ ज्ञानमुद्राय नमः
52. ॐ सूत्रात्मने नमः
53. ॐ सूत्रधराय नमः
54. ॐ महलोकाय नमः
55. ॐ जनलोकाय नमः
56. ॐ तषोलोकाय नमः
57. ॐ सत्यकोकाय नमः
58. ॐ सुतलाय नमः
59. ॐ सलातलाय नमः
60. ॐ महातलाय नमः
61. ॐ रसातलाय नमः
62. ॐ पातालाय नमः
63. ॐ मनुषपिणे नमः
64. ॐ त्वष्टे नमः
65. ॐ देवज्ञाय नमः
66. ॐ पूर्णप्रभाय नमः
67. ॐ ह्रदयवासिने नमः
68. ॐ दुष्टदमनाथ नमः
69. ॐ देवधराय नमः
70. ॐ स्थिर कराय नमः
71. ॐ वासपात्रे नमः
72. ॐ पूर्णानंदाय नमः
73. ॐ सानन्दाय नमः
74. ॐ सर्वेश्वरांय नमः
75. ॐ परमेश्वराय नमः
76. ॐ तेजात्मने नमः
77. ॐ परमात्मने नमः
78. ॐ कृतिपतये नमः
79. ॐ बृहद् स्मणय नमः
80. ॐ ब्रह्मांडाय नमः
81. ॐ भुवनपतये नमः
82. ॐ त्रिभुवनाथ नमः
83. ॐ सतातनाथ नमः
84. ॐ सर्वादये नमः
85. ॐ कर्षापाय नमः
86. ॐ हर्षाय नमः
87. ॐ सुखकत्रे नमः
88. ॐ दुखहर्त्रे नमः
89. ॐ निर्विकल्पाय नमः
90. ॐ निर्विधाय नमः
91. ॐ निस्माय नमः
92. ॐ निराधाराय नमः
93. ॐ निकाकाराय नमः
94. ॐ महदुर्लभाय नमः
95. ॐ निमोहाय नमः
96. ॐ शांतिमुर्तय नमः
97. ॐ शांतिदात्रे नमः
98. ॐ मोक्षदात्रे नमः
99. ॐ स्थवीराय नमः
100. ॐ सूक्ष्माय नमः
101. ॐ निर्मोहय नमः
102. ॐ धराधराय नमः
103. ॐ स्थूतिस्माय नमः
104. ॐ विश्वरक्षकाय नमः
105. ॐ दुर्लभाय नमः
106. ॐ स्वर्गलोकाय नमः
107. ॐ पंचवकत्राय नमः
108. ॐ विश्वलल्लभाय नमः
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देवता विश्वकर्मा के बारें मे | Vishwakarma 108 naam
देवता विश्वकर्मा के पिता का नाम वास्तुदेव तथा का माता का अंगिरसी है. उन्हें देव शिल्पी, जगतकर्ता और शिल्पेश्वर नाम से भी पूजा जाता है. उनके हाथ में हमेशा कमंडल व पाश दिखाई देता है. विश्वकर्मा का निवास स्थान विश्वकर्मा लोक है.
भारत देश में शिल्प संकायो, कारखानो, उद्योगों में. देवता विश्वकर्मा की महानता को सम्मानित करने के लिए. १७ सितम्बर को विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है.
विश्वकर्मा देवता कि कीर्ती ४ युगों में विख्यात है. इन युगों में उन्होंने अपने ज्ञान व परिश्रम से कई सारे. दिव्य तथा भव्य नगर और अन्य चीजों का निर्माण किया है.
इन घटनाओं को समय रेखा अनुसार रखे तो
सत्ययुग में विश्वकर्मा ने देवताओं के लिए स्वर्ग लोक की रचना की.
त्रेता युग में सोने की लंका निर्माण
द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण के लिए द्वारका.
कलियुग की शुरुआत होने से पहले ५० वर्ष पूर्व हस्तिनापुर और इंद्रप्रस्थ का निर्माण
और जगन्नाथ पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर के जगन्नाथ कृष्ण, सुभद्रा और बलराम जी की विशाल तथा अति सुंदर मूर्तियों का निर्माण भी विश्वकर्मा ने ही किया है.
शिल्प शास्त्र के मुख्य कर्ता धर्ता महा ज्ञानी विश्वकर्मा देवताओं के आचार्य है. वह सम्पूर्ण सिद्धियों का जनक है.
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