गौरैया के बारे में 100 जानकारियां | Facts About Sparrow in Hindi
1. क्या आप जानते है? गौरैया की जुबान में एक अतिरिक्त हड्डी होती है, जो अन्य पक्षियों में नहीं होती, यह हड्डी उनकी जुबान को मजबूत बनाती है, ताकि वह शिकार या अन्य खाद्य को अच्छी तरह से पकड सके.
2. जापान देश में गौरैया को कोमल स्वभाव और बौद्धिक व्यक्तिमत्व का प्रतीक माना जाता है.
3. नर गौरैया के गले पर जो काला धब्बा होता है, उसे बिब (Bib) कहा जाता है.
4. पुरे साल के दौरान नर गौरैयों की चोचं गहरे भूरे रंग की होती है, लेकिन प्रजनन का मौसम आते ही, वह काले रंग में बदल जाती है.
5. क्या आपको पता है? अंडो से चूजे बाहर निकलने के बाद नर और मादा गौरैया कुछ दिनों तक अपने बच्चों का मल (Poop) निगलते है, उसके बाद वे उसे घोंसले से दूर फेंक आते है.
6. कई बार ऐसा भी देखा गया है की किसी कारण अगर गौरैया बच्चों के माता-पिता दोनों मर जाते है, तब घोंसले में चिख रहे उन अनाथ बच्चों की आवाज सुनकर, दुसरे गौरैया जोडे उन्हें अपना लेते है और माता पिता बनकर उनकी देखभाल करते है.
7. गेहूँ उगाने वाले क्षेत्रों में गौरैया सबसे अधिक तादाद में रहना पसंद करती है, जैसे Midwestern United States का इलाका जहाँ गेहूं की खेती बड़े पैमाने पर होती है.
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8. क्या आप जानते है? sparrow के घोंसले में कई बार दुसरे परजीवी भी अंडे देते है, जिन्हें पहचानकर मादा गौरैया अपने घोंसले से बाहर धकेल देती है.
9. गौरैया प्रवासी पक्षी नहीं हैं, लेकिन इनके बड़े-बड़े झुंड लगभग डेढ़ से पांच मील के दायरे में घूमते या स्थानांतरण करते हैं.
10. P. d. bactrianus और P. d. parkini ये दो गौरैया की उप-प्रजातियां प्रवास या स्थानांतरण करने के लिए पहचानी जाती है, ये दो उप-प्रजातियां प्रवास करने से पहले अपना वजन बढाती है.
11. पक्षी-विज्ञान के अनुसार गौरैया की उत्पत्ति मध्य पूर्व (Middle East) में हुई थी और १९ वीं सदी के मध्य से यह कुछ जहाजों की मदत से और कुछ प्राकृतिक माध्यमों से दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में स्थानांतरित हो गई.
12. गौरैया की लगभग छह तरह ही प्रजातियां हमारे आस-पास रोज मंडराती है, पर हम सभी को पहचान नहीं पाते, उनके नाम कुछ इस प्रकार है, हाउस स्पैरो (घरेलू गौरैया), स्पेनिश स्पैरो, सिंड स्पैरो, रसेट स्पैरो, डेड सी स्पैरो और ट्री स्पैरो.
13. House sparrow भिन्न-भिन्न प्रकार के जलवायु में जीवित रह सकती है, लेकिन यह उष्णकटिबंधीय क्षेत्र के जलवायु में रहना अधिक पसंद करती है, क्योंकि इसी तरह का वातावरण गौरैया के लिए अधिक अनुकूल होता है.
14. उत्तरी अमेरिका में किये गए संशोधन अनुसार उच्च अक्षांश क्षेत्रों में गौरैया पक्षी आकार में बड़े और गहरे रंग होते हैं, जबकि शुष्क क्षेत्रों में छोटे और फीके रंग के होते हैं.
15. गौरैया अधिकतर शहर, कस्बे, गाँव, और खेतों के नजदीक वाली मनुष्य बस्ती में रहना ज्यादा पसंद करती है, इसमें हैरानी की बात यह है की गौरैया एक आजाद पंछी होने के बावजूद भी, जंगल और पहाड़ी इलाकों में कम रहती है.
16. क्या आप जानते है? इस दुनिया में गौरैया की आबादी तकरीबन १.६ अरब हैं.
17. गौरैया का वैज्ञानिक नाम पैसर डोमेस्टिकस(Passer domesticus) है, असल में ये पक्षियों के पैसर वंश की एक जीववैज्ञानिक जाति है.
18. क्या आप जानते है, आज तक गौरैया (house sparrow) पक्षी के अध्यन पर लगभग 5,000 से अधिक वैज्ञानिक पत्र प्रकाशित किये गए हैं और आज भी चिड़िया पर अध्यन जारी है.
19. गौरैया उन पशुओं में से एक है, जिनको जैविक वर्गीकरण की आधुनिक प्रणाली में सबसे पहले वैज्ञानिक नाम दिया गया था. इस बात का वर्णन विज्ञानिक ‘Carl Linnaeus’ ने सन १७५८ में छपी अपनी किताब ‘Systema Naturae’ के 10 वें संस्करण में किया हुआ है.
20. दोस्तों आपको यह जानकर काफी हैरानी होगी की काफी बड़ी संख्या में sparrows की उप-प्रजातियों को नाम दिया गया है. लेकिन उसमे से सिर्फ 12 को ही ‘Birds of the World’ पुस्तिका में मान्यता दी गई थी.
21. House sparrows की १२ उप-प्रजातिया है, जिनका दो समूह में विभाजन हुआ है, जो कुछ इस प्रकार है
A) The Oriental P. d. indicus group.
और
B) The Palaearctic P. d. domesticus group.
22. दोनों समूह की विशेष भिन्नता :- पी. डी. डोमेस्टिकस ग्रुप की गौरैया के गाल भूरे रंग के होते हैं, जबकि पी. डी. इंडिकस ग्रुप के सफेद होते हैं.
23. ऐसा माना जाता है की पिछले १०००० सालो से गौरैया इंसानों से जुडी हुई है, इस बात के पुख्ता सबूत भी वैज्ञानिकों के हात लगे है. (sparrow in hindi)
24. गौरैया को एक प्राचीन पक्षी भी कहा जाता है, क्योंकि इस चिड़िया का उल्लेख ‘बाइबल’ सहित कई प्राचीन पुस्तकों और पांडुलिपियों में भी मौजूद है.
25. Sparrows का मानव बस्ती और खेती से काफी गहरा संबंध है, हालाँकि मुख्य नगर के केंद्रीय भाग से बाहरी निवास स्थानों में इनकी आबादी ज्यादा तेजी से बढती है, जहां कीड़े – मकोड़े आसानी से प्रचुर मात्रा में मिलते है.
26. खेती बाड़ी वाले क्षत्रों में रहनेवाली गौरैया के आहार में ९०% बीज होते है. ये पक्षी लगभग हर तरह के बीज खा सकते है, किन्तु ये जई और गेहूं के बीज को प्राथमिकता देते है, क्योंकि ये उनका प्रिय खाद्य है.
27. क्या आप जानते है? Sparrow अपनी चोंच को पंखो के नीचे दबाकर सोती है, इस वाक्य की पुष्टि के लिए महत्वपूर्ण तस्वीर नीचे दी गई है.
28. बहुत बार ये भी देखा गया है की एक गौरैया पक्षी दुसरे गौरैया के बगल में घोंसले बनाते है और इसमें मजेदार बात तो ये है की वो दोनों अपने पड़ोसी के साथ घोंसले दीवारों को साझा भी करते है.
29. कई बार गौरैया दुसरो के घोंसले में घुसपैठ भी करती है. उदाहरण के तौर पर यह चिड़िया ब्लूबर्ड जैसे छोटे पक्षी को उसके घोंसले से भगाकर उस पर कब्जा करती है.
30. क्या आप जानते है? अमेरिकी रॉबिंस एवं अन्य पक्षियों से गौरैया उनके शिकार व अन्य खाद्य चुराती भी है.
Amazing Facts About Sparrow in Hindi
31. गौरैया पक्षी के पास पानी में तैरने का हुन्नर भी होता है. किसी परभक्षी के द्वारा पीछा किये जाने पर, या अन्य किसी विशेष स्थिति में यह पानी में गोताखोरी और तैराकी भी करती है.
32. House sparrow की अपने साथीयों से बात करने के लिए. सांकेतिक भाषाएँ भी होती है, जैसे की किसी अंजान खतरे से डर महसूस होते ही, यह अपनी पूंछ फडफडाती है. उत्तेजित अवस्था में नर गौरैया अपने देह और सिर को एकदम सीधे आगे की ओर झुकाते है और अपने पंखो को आंशिक रूप से फैलते हैं.
33. गौरैया के चहकने की आवाज के पर भी काफी संशोधन हुआ है, इसमें कुछ विशेष बाते सामने आयी है, जो कुछ इस प्रकार है.
34. गौरैया की “चिरप” या “फिलिप” जैसी आवाज के लगभग तीन मतलब हो सकते है, जो कुछ इस प्रकार है, झुंड के आराम करने का समय हो गया है, नर गौरैया घोंसले पर अपन अधिकार जमा रहा है और नर गौरैया मादा को आकर्षित कर रहा है.
35. Male sparrow चिढ़ी हुई या आक्रामक भावना में “chur-chur-r-r-it-it-it-it” की आवाज निकलता है.
36. गौरैया जब उदास अवस्था में होती है, तब यह अपने तनाव को कम करने के लिए, मुहं को बार-बार झटकती हैं.
37. गौरैया के कुदरती स्वभाव में एक विशेष गुण निरिक्षण में आया है. जिस नर गौरैया के गले पर काला रंग (धब्बा) अधिक मात्रा में होता है, वे दुसरे फीके एवं कम काले रंग वाले नरों पर हावी होते है. नीचे दी गई संबंधित तस्वीर देखिये.
38. जब नर गौरैया मादा को आकर्षित कर रहे होते है, तब वे अपनी छाती को फुलाकर, कुछ हद तक अपने पंख फैलाते है और पूंछ को हिलते हुए मादा के सामने तेजी से कूदते है.
39. गौरैया पक्षी प्रजनन के मौसम में जोड़ी में रहते है, हालाँकि ये अक्सर सामूहिक रूप से रहना पसंद करते है.
40. श्याम के समय पक्षियों के बसेरे में लौटने पर और सुबह-सुबह घोंसला छोड़ने से पहले, ये चिड़िया सामूहिक गायन करती है, जिसे सामान्य भाषा में चहकना कहा जाता है.
41. House sparrow हमेशा सीधी दिशा में उडान भरती है, इसकी उड़ना भरने की क्षमता लगभग 45.5 किमी/घंटा होती है, उडान के दौरान गौरैया एक सेकंड में १५ बार पंख फड़फड़ाती सकती है.
42. कबूतर के बाद गौरैया ही एक ऐसा पक्षी है, जिसे मनुष्य से भय कम लगता है. about Sparrow in Hindi
43. शहरों में या गाँव के आस-पास जब भी मनुष्य की नई बस्ती का निर्माण होता है. तब पक्षियों में सबसे पहले गौरैया ही वहां पर अपना घर बसाने पहुंचती है.
44. गर्मियों के मौसम में, घरेलू गौरैया कीड़ों का भक्षण करना पसंद करती है और उसे अपने बच्चों को भी खिलाती हैं.
45. गौरैया विश्व के सबसे अधिकी आबादी वाला पक्षी है, लेकिन दुर्भाग्य वश अब इनकी संख्या असामान्य गति से घट रही है.
46. गौरैया हल्की भूरे रंग या सफेद रंग में होती है, इसके देह पर छोटे-छोटे पंख, पीली चोंच और पैरों का रंग पीला होता है.
47. गौरैया पक्षी में नर और मादा में भेद करना, यानकी इनको पहचानना बहुत ही आसान होता है. नर के सिर का ऊपरी भाग, नीचे का भाग और गालों पर पर भूरे रंग का होता है. गला चोंच और आँखों पर काला रंग होता है और पैर भूरे रंग के होते है. मादा के सिर और गले पर काला रंग नहीं होता है.
48. आम भाषा में नर गौरैया को ‘चिड़ा’ और मादा को ‘चिड़िया’ कहा जाता है.
Interesting Facts About Sparrow in Hindi
49. विश्वभर में असामान्य गति से घटरही गौरैया की आबादी के विषय में जागरुकता निर्माण करने के लिए, हर साल 20 मार्च को ‘विश्व गौरैया दिवस’ मनाया जाता है.
50. चिड़िया अपना घोंसला बनाने के लिए. मनुष्य निर्मित संरचनाओं को प्राधान्य देती है. जैसे की इमारतों की दीवारों में बनने वाली खाने, बडे-बडे ट्रैफिक सिग्नल का ऊपर भाग, स्ट्रीटलाइट्स इत्यादी-इत्यादी.
51. Sparrow एक सर्वाहारी पक्षी है, इसके आहार में किट, पतंगा और छिपकली से लेकर अनाज, बीज, रोटी और दुसरे पशुओं का चारा भी शामिल है.
52. वसंत ऋतु में गौरैया पीले फूलों को खाना पसंद करती है.
53. घोसलें का विवरण – Sparrow अपना घोंसला बनाने हेतु, सुखी वनस्पतियाँ, झाड पत्ते, लोहे का तार और कागज का भी इस्तेमाल करती है. अपने घोसलें में गर्मी कायम रखने के लिए, गौरैया उसे कागज के टुकड़ों से भर देती है.
54. सामन्य तौर पर पंछी अपना घोंसला बदलते रहते है, लेकिन हाउस स्पैरो अक्सर अपने घोंसलों का उपयोग दूसरी बार भी करती हैं.
55. क्या आप जानते है? गौरैया कभी चल नहीं सकती, जमीन पर एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए, वह कूद-कूद कर जाती है.
56. Sparrows ज्यादातर झुडं में ही रहते है, और जमीन पर पडे अनाज या रोटी के टुकड़ों के लिए, एक दुसरो से लढती भी है.
57. गौरैया हम कई बार सड़क के किनारे बने हुए, पानी के गड्ढे में नहाते हुए, या रेत और मिट्टी के मैदानों में एक दुसरे पर मिट्टी उड़ाते हुए भी दिख सकती है.
58. “House sparrow” के शिकारी में घरेलू बिल्लियाँ, कुत्ते,और कई और स्तनधारी भी शामिल ह. पक्षियों में बाज, कौआ और उल्लू गौरैया के सबसे बडे शिकारी है.
59. एक वयस्क गौरैया ज्यादातर अनाज और जमीन पर उगने वाली घास का भोजन करती है, लेकिन परिस्थिति अनुसार ये जो मिले उसे खाना स्वीकार करती है, उदाहरण स्वरूप शहरों में कचरों के ढेर में मिलने वाला खाद्य.
60. गौरैया भोजन प्राप्त करने के लिए, जटिल कार्य भी करती है, जैसे की मनुष्यों की भीड़ में सुपरमार्केट में प्रवेश करना, और रोटी के टुकड़ों के लिए अन्य पक्षियों से झगड़ना इत्यादी-इत्यादी.
61. गौरैया इतनी बुद्धिमान होती है की वह सुपरमार्केट के अपने आप खुलने वाले और बंद होनेवाले दरवाजे को भी पार करती है.
62. गौरैया अपने भोजन में आनेवाली कंकड़ जैसी कठिन वस्तु को भी पचाती है.
63. अंडो से चूजे बाहर आने के तुरंत बाद प्रजनन के मौसम में गौरैया पुनः प्रजनन के लिए तैयार हो सकती हैं.
64. कुछ उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में पहली बार प्रजनन करने वाले नर गौरैया, सिर्फ कुछ महीने ही पुराने होते है.
65. प्रजनन के मौसम में नर गौरैया घोंसले बनाकर. मादा गौरैया को आकर्षित करने का प्रयास करते है. (Information About sparrow in hindi)
66. नर गौरैया अपने जीवन में एक से अधिक जोडा (शादी) बना सकते है, लेकिन ज्यादातर मादाएं इसमें रूचि रही दिखाती.
67. घोंसला बनाने की प्रक्रिया में नर गौरैया की मेहनत मादाओं की तुलना में अधिक होती है.
68. House sparrow के कुछ घोंसले ऐसे भी होते है, जिनके निर्माण की प्रक्रिया में पुरे साल का समय भी लगता है.
69. घोंसलों का निर्माण करने के लिये, sparrow ज्यादातर चट्टानों के बीच के खांचे, पेड़ के खोखले भाग, और बिल्डिंग के खांचों का इस्तेमाल करती है. इस वाक्य की पुष्टि के लिए, संबंधित तस्वीर नीचे दी गई गई है.
70. कई बार sparrow अन्य पक्षियों के घोंसलों का भी उपयोग करती है, जिमसे यह पहले से खाली निर्जन घोंसले या फिर किसी अन्य पक्षी को भगाकर उसके घोंसले पर कब्जा करती है.
71. आमतौर पर एक मादा गौरैया सालभर में ३ से ८ अंडे देती है. (चिड़िया के अंडो की संख्या ज्यादातर उनके रहने के स्थान और वातावरण की अनुकूलता पर निर्भर करती है )
72. Sparrow के अंडे सफेद ,नीले-सफेद या हरे-सफेद रंग के होते है, जिनपर भूरे रंग के छोटे-छोटे धब्बे होते है.
73. गौरैया के अंडो की लंबाई 20 से 22 मिमी (0.79 से 0.87 इंच) और चौड़ाई 14 से 16 मिमी (0.55 से 0.63 इंच) इतनी होती है.
74. गौरैया के अंडे का औसत द्रव्यमान २.९ ग्राम होता है.
75. मादा गौरैया जब अंडे सेती है, तब इस विशेष काल में नर घोंसले के बाहर पहरा देते है और दुसरे परजीवियों से घोंसले की रक्षा करते है.
76. Sparrow अपने अंडो को ११ से १४ दिनों तक सेती है. अंडो के फूटकर उसमे से गौरैया के चूजे बाहर आने के बाद युवा गौरैया चूजे ११ से २३ दिन, सामान्यत १४ से १६ दिनों तक घोंसले में ही रहते है, इन दिनों में नर और मादा दोनों अपने बच्चों का भरण पोषण करते है. (About sparrow in hindi)
77. अंडे फूटने के बाद लगभग १५ दिनों तक गौरैया अपने बच्चों को कीड़ों का आहार देती है. इसके आलावा उन्हें कम मात्रा में बीज, और दाना भी खिलाया जाता है.
78. गौरैया के बच्चे अंडो से निकलने के ४ दिनों बाद अपनी आंखे खोलते है और लगभग ८ दिनों में घोंसले से निचे उतरने में सक्षम बनते है.
79. गौरैया के बच्चे ७ से १० दिनों में अपना ख्याल रखना सीखने लगते हैं और लगभग १४ दिनों में पूरी तरह से बाहरी दुनिया में जीने के काबिल बन जाते है.
80. माता पिता से अलग होने के बाद गौरैयों पक्षियों की मृत्यु संभवना और संख्या दोनों अधिक होती है.
81. केवल 20-25% युवा गौरैया ही आनेवाले पहले प्रजनन समय तक जीवित रहते हैं.
82. विश्व के कुछ हिस्सों में गौरैया को किसी कीडे के समान माना जाता है. ऐसे हिस्सों में मनुष्य को इनकी आबादी का बढ़ना पसंद नहीं है. इसके कारण ये है की गौरैया किसानो की फसल को नष्ट करती है और मनुष्य और उनके पालतू जानवरों में कई प्रकार की बीमारियाँ और रोगों को फैलाती है.
गौरैया के बारे में रोचक तथ्य | Facts About Sparrow in Hindi
83. जैसे की साइटैकोसिस (Psittacosis) जिसे अक्सर तोता बुखार कहा जाता है. इस बीमारी का प्रसार गौरैया के माध्यम से भी होता है.
84. हालही के कुछ वर्षों में एशियाई देशों में sparrows की आबादी असामन्य गति घट गई है, यह गिरावट भारत देश में काफी अधिक मात्रा में हो रही है.
85. चिड़िया के संरक्षण को बढावा देने के लिए, साल २०१२ से दिल्ली और साल २०१३ से बिहार में गौरैया को राज्य पक्षी घोषित किया गया है.
86. गौरैया पक्षी आरंभ में एशिया, यूरोप और भूमध्य सागर के तटवर्ती क्षेत्रों में निवास करते थे. लेकिन मानवों ने इसे अपने मतलब के लिए विश्वभर में फैला दिया है.
87. गौरैया को धूल मिट्टी में स्नान करना अथवा खेलना बहुत पसंद होता है. वे पुरे शरीर व पंखों पर मिट्टी ऐसे फेंकते है. मानो की वह पानी में नहा रहे हो.
88. गौरैया मिट्टी में खेलते-खलेते एक छोटा सा गड्ढा बना लेते है, और बहुत बार हम ऐसा भी देखते है की वो अपने बनाए हुए गड्ढे की दुसरे गौरैया पक्षी से सुरक्षा करते है, माने वो कोई खले खेल रहे है.
89. गौरैया फूलों को छेद कर उसमें से अमृत (रस) निकालकर खाती है. यह उनका मन पसंद भोजन होता है.
90. गौरैया रेगिस्तान जैसे निर्जन इलाको में रहना पसंद नहीं करती लेकिन अगर वहां पर कोई मानव बस्ती होती है, तो ये वहा बस सकती है.
91. गौरैया पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए. काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. यह चिड़िया अपने पुरे जीवनकाल में अनेक तरह के फल एवं बीज खाती है. इस दौरान वह हर तरह के बीज अलग अलग स्थानों पर फैलाती है और बाद में वह बीज वृक्ष बन जाते है.
गौरैया के बारे में रोचक तथ्य – sparrow in hindi
92. wwfindia.org गौरैया पक्षी की घटती आबादी के विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिए शामिल हुई है.
93. इनकी की आबादी बढ़ाने हेतु wwfindia.org गौरैया के प्रजनन को प्रोत्साहित कर रही है, जिसके लिए कई राज्यों में गौरैयों के लिए कस्टममेड नेस्ट बॉक्स वितरित किये जाते है, संबंधित तस्वीर नीचे दी गई गई है.
94. भारत की राजधानी दिल्ली में गौरैया की आबादी को बढ़ाने के लिए, 2007 से एक विशेष अध्ययन भी शुरू किया गया है.
95. गौरैया की घटती आबादी का मुख्य कारण मानव निर्मित मोबाइल टावर है. क्योंकि मोबाइल टावर से निर्माण होनेवाले रेडिएशन के कारण चिड़ियाँ के अंडे समय पर नहीं फूटते. अथवा उनमे बच्चे तैयार ही नहीं हो पाते.
96. सुपरमार्केट संस्कृति, आधुनिकीकरण की वजह से चिड़ियाँ अब शहरों से दूर बसने लगी है.
97. मोबाइल टावर से निकलने वाली रेडिएशन तंरगें चिड़िया के लिए. काफी घातक साबित हो रही है, ये तंरगें गौरैया की दिशा खोजने वाली प्रणाली पर दुष्प्रभाव डालती है.
98. जहाँ शहरों में गौरैया चिड़िया लाखो की तादाद में निवास करती थी. वहा अब अनेक मांसाहारी पक्षियों ने अपना घर बसा लिया है और गौरैया को शहरों से खदेड दिया है. ये मांसाहारी पक्षी भी शहरों में गौरैया की आबादी कम होने के लिए जिम्मेदार है
99. कबूतरों को बहुतसे धार्मिक कारणों से ज्यादा तव्वजू मिलती है. चुग्गे वाली जगह पर लगभग कबूतर ही दीखते है, लेकिन विलुप्त हो रही इस gauraiya chidiya के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है.
100. मानव के घर में रहने वाले पालतू प्राणी कुत्ता, बिल्ली भी गौरैया का शिकार बड़े चाव से कर रहे है.
101. गाँव और शहर के कई हिस्सों में गौरैया का शिकार मांस के लिए किया जा रहा है. जो की कानूनी तौर पर पूरी तरह से गलत है. अगर हमे गौरैया के बचाव में कुछ किया नहीं. तो हम अपनी वाली पीढीयों को इस सुंदर चिड़िया की सिर्फ तस्वीर दिखा सकेंगे.
Sparrow | घरेलू गौरैया
वर्ग | पक्षी (Aves) |
वंश | पैसर (Passer) |
वैज्ञानिक नाम | पैसर डोमेस्टिकस |
निवास | मानव बस्ती एवं जंगल |
उप प्रजातियों की संख्या | बारह |
कुल आबादी | १.६ अरब |
खाद्य | सर्वाहारी |
FAQ About Sparrow in Hindi | गौरैया के बारे लोगों द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1) गौरैया का भोजन क्या है?
A: गौरैया एक सर्वाहारी पक्षी है, यह किट, पतंगे, बीज, फल और रोटी जैसा इंसानों का खाना भी खाती है.
Q2) गौरैया का वैज्ञानिक नाम क्या है?
A: गौरैया का वैज्ञानिक नाम पैसर डोमेस्टिकस है. यह चिड़िया पक्षियों के पैसर वंश की एक जीववैज्ञानिक जाती है.
Q3) गौरैया दिवस कब मनाया जाता है?
A: विश्वभर में गौरैया दिवस 20 मार्च को गौरैया दिवस मनाया जाता है.
Q4) गौरैया चिड़िया को क्या खाना पसंद है?
A: गौरैया को जई और गेहूं के बीज खाना सबसे अधिक पसंद है.
Q5) गौरैया के अंडे कितने दिनों में फूटते हैं?
A: गौरैया के अंडे लगभग ११ से १४ दिनों के भीतर फूटकर, इनमें से चूजे बाहर आते है.
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