Short horror stories in hindi यह कहानी वीरान घाटी के बारे में है. जहाँ पर भूत प्रेतों का बसेरा होता है. दिनभर तो यह घाटी शांत दिखती है. लेकिन रात होते ही हर जिंदा चीज इसे छोडकर चली जाती है. डर और रोमाचं से भर पुर इस इस छोटीसी कहानी को अंततक जरुर पढे.
वीराने के भूत प्रेत – Short horror stories in hindi
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है श्यामसुंदर, यह भूतहा घटना मेरे साथ तब घटी थी. जब मेरे गांव की कंपनी बंद हो गई थी और जॉब के लिए मुझे मुझे दुसरे गांव की कंपनी में जाना पडा था.
उस नई जॉब पर जाने के लिए मुझे हर रोज एक छोटीसी विराना घाटी को पैदल ही पार करना पडता था। वहासे से बहुत कम लोग गुजरते थे। मैंने घाटी के बारे में गाँव के लोगों से भूत प्रेत की काफी सारी बाते सुन रखी थी। वीरान घाटी की दहशत इतनी थी की श्याम होने के बाद उसके नजदीक भी कोई नहीं जाता था।
लेकिन मेरी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. नई कंपनी में अचानक से नाईट शिफ्ट शुर हो गई थी और पहली ही शिफ्ट में भी नंबर लग गया. अब मुझ पर रात के समय में घाटी से पैदल जाने की नौबत आ गई थी.
यह बात मैंने सबसे पहले जाकर मेरी पत्नी “मीरा” को बताई। उसने बडे प्यारे स्वरों में कहा “परेशान मत होना श्यामसुंदरजी ये दिन भी बीत जायंगे. फिर हम दोनों में घर का कुछ कीमती सामान बेचकर. मेरे एक दोस्त की पुरानी बाइक खरीद ली।
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प्रेतों का आभास हुआ
रात को मैं सही समय पर घर से अपनी बाइक पर निकला. जब मैने घाटी में प्रवेश किया, तब वहा मुझे एक परिंदा तक नजर नहीं आ रहा था। लेकिन घाटी के बिचो बिच पहुँचने पर अचानक से मेरे आस-पास ठंड बढने लगी और कही से घना कोहरा जमा होने लगा था।
जब मै उसे कोहरे से बाहर निकला, तब मुझे बाइक कुछ वजनदार लग रही थी। हालाँकि उस बात पर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया था। बिना रुके और पीछे मुड़े मैं काम पर पहुंच गया। घाटी के रास्ते में कुछ एक्का-दुक्का आवाजे आयी थी, पर मैंने गाड़ी बिलकुल भी नहीं रोकी। Short horror stories in hindi
दुसरे दिन मुझे घाटी से जिंदा आते जाते देखकर. मेरे दोस्त “विकास और वीरू” में भी हिम्मत आ गई। फिर उसी कंपनी में वह दोनों भी जॉब पर लग गये। संयोगवश उन्हें भी मेरे साथ नाईट शिफ्ट मिली। अब हम तीनों एक साथ पहली बार रात को घाटी से होकर काम पर जाने वाले थे।
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लेकिन विकास और मैं आगे निकल गए. क्योंकि वीरू की गाड़ी में कुछ खराबी होने की वजह से वह थोडी देर बाद आने वाला था। उस रात मुसीबत की शुरुवात तब हुई, जब घाटी के बीचो बीच विकास की बाइक बंद पड गई थी। इसलिए हमें घाटी में ही रुकना पड़ा। आस पास इतना सन्नाटा था की जरासी आहट से रुह कांप जाती थी।
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विकास लगातार बाइक स्टार्ट करने की कोशिश कर रहा था। तभी अचानक से एक आदमी की डरावनी चीख सन्नाटे को चीरते हुए हमारे कानों से आकर टकराई। जो सुनकर हम बुरी तरह से सिहर उठे। उसी वक्त देखते ही देखते घने कोहरे ने कही से आकर हमें घेर लिया। मैंने विकास से कहा, भाई तू गाड़ी यही रख बाद में दिन के उजाले में आकार ले जायंगे। Short horror stories in hindi
क्योंकि अभी यहां रुकना खतरे से खाली नहीं लग रहा। फिर हम दोनों मेरी बाइक पर सवार हुए. रास्ते में दोनों के मुंह से एक भी शब्द नहीं निकल रहा था. दोनों के दिमाग में बस एक ही बात घूम रही थी, जल्द-जल्द इस मनहूस घाटी को पार करना है। तभी पीछे से हॉर्न बजाते हुए वीरू ने हमें ओवरटेक कर लिया। बाइक पर उसके साथ एक और अंजान आदमी भी बैठा था।
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प्रेत सामने आया
Short horror stories in hindi मैंने वीरू से पूछा आज तुम्हारे साथ यह चाचा कौन है। हमसे भी तो पहचान करवा दे। वीरू ने जवाब दिया, कौनसे चाचा मैं तो अकेला आया हूँ। मैंने कहा फिर तेरे पीछे बाइक पर कौन बैठा है। वीरू बोला श्यामसुंदर तू क्या मेरी फिरकी ले रहा है। इतना कहकर वीरू ने अपनी बाइक के हैण्डल से एक हात हटाकर पीछे घुमाकर दिखाया।
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और हमारे सामने उसका वह हात उसके पीछे बैठे आदमी के शरीर से आर-पार चला गया। फिर वह अंजान आदमी हमारी तरफ देखकर मुस्कुराने लगा। वह भुतिया नजारा देखकर विकास और मेरे हात पैर ठंडे पड गए। हम दोनों कुछ भी बोल नहीं पा रहे थे। आवाज जैसे गले में ही अटक गई थी।
फिर मैं गाड़ी उसके आगे भागने की कोशिश करने लगा. पर गाड़ी नहीं आगे जा रही थी और नहीं उसमे ब्रेक लग रहा था. उसवक्त मुझे लग रहा था कि बाइक का हैंडल तो मेरे हात में है. पर चलाने वाल कोई और है। हम वीरू की तरफ ना देखने की कोशिश कर रहे थे। विकास ने मुझे कसकर पकडके रखा था। Short horror stories in hindi
डर से अधमरे हुए हम
हम दोनों डर से कांप रहे थे। वीरू हमारी बाइक के बराबर बाइक चलाने लगा और हमारी नजर ना चाहते हुए भी उस भूत पर पड रही थी। वह अभी भी हमारी तरफ ही देख रहा था उसके चहरे पर एक शैतानी मुस्कान थी। बस वह देखकर हमारी फट के हात में आ चुकी थी।
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आगे के रास्ते में बहुत घना कोहरा फैला हुआ था। तभी वीरू को अचानक से कुछ हुआ और वह स्पीड में कोहरे में घुस गया। और बाद में हम भी घुस गए। कोहरा जब खतम हुआ। तब वीरू की बाइक हमारे आगे ही थी। पर उसके पीछली सिटपर वह भूत नहीं था। वह देखकर हमें जरासी राहत मिली। घाटी अब खतम होने ही वाली थी।
जब हमारी बाइक वीरू के नजदीक पहुंची। तब हम उसे सब कुछ बताने ही वाले थे। उससे पहले ही वीरू बोला. अब तुम दोनों बताव कोहरे में से ये कौनसे चाचा को उठा लाये हो। ट्रिपल सीट बाइक नहीं चलानी चाहिए मालूम है ना।
कहानी का अंत Short horror stories in hindi
वीरू के मुंह से वह बात सुनकर मेरे पीछे बैठे विकास ने बाइक की सिट गीली कर दी. और डर के मारे मैंने बाइक से नियंत्रण खो दिया. इसी वजह से मेरी गाड़ी रोड साइड वाले दल-दल में घुस गई।
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वीरू ने हमें पासवाली कंपनी के हॉस्पिटल में पहुंचाया। हम दोनों को काफी चोट लगी थी, लेकिन हात पैर और सिर सलामत थे। बाइक दलदल में घुसने की वजह से हम बच गए। पर वीरू हैरत में ज़रूर था कि आखिर उस समय हुआ क्या? Short horror stories in hindi
कहानी को अंत तक पढने के लिए धन्यवाद. आपके पास अगर कोइ भी कहानी. या भूतिया घटना का अनुभव है और आप उसे दुनिया को बताना चाहते है. तो उस कहानी को मरे फेसबुक पेज पर मेसेज कर दीजिये. आपके नाम के साथ आपकी कहानी इसी ब्लॉग पर पब्लिश कर दी जाएगी मरे फेसबुक पेज की लिंक इसी पोस्ट में उपलब्ध है। यह भूत प्रेतों की कहनी आपको कैसी लगी, यह मुझे कमेंट करके जरूर बताये. Short horror stories in hindi
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