pashupatastra stotra in hindi

शिव कृपा प्राप्ति के लिए पढ़ें पाशुपतास्त्र स्तोत्र | Pashupatastra stotra in hindi

श्री पाशुपतास्त्र स्तोत्र

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ॐ नमो भगवते महापाशुपतायातुलबलवीर्यपराक्रमाय त्रिपन्चनयनाय नानारुपाय नानाप्रहरणोद्यताय

सर्वांगडरक्ताय भिन्नांजनचयप्रख्याय श्मशान वेतालप्रियाय सर्वविघ्ननिकृन्तन रताय सर्वसिध्दिप्रदाय

भक्तानुकम्पिने असंख्यवक्त्रभुजपादाय तस्मिन् सिध्दाय वेतालवित्रासिने शाकिनीक्षोभ जनकाय

व्याधिनिग्रहकारिणे पापभन्जनाय सूर्यसोमाग्नित्राय विष्णु कवचाय खडगवज्रहस्ताय यमदण्डवरुणपाशाय

रूद्रशूलाय ज्वलज्जिह्राय सर्वरोगविद्रावणाय ग्रहनिग्रहकारिणे दुष्टनागक्षय कारिणे ।

ॐ कृष्णपिंग्डलाय फट । हूंकारास्त्राय फट । वज्र हस्ताय फट ।

शक्तये फट । दण्डाय फट । यमाय फट ।

खडगाय फट । नैऋताय फट । वरुणाय फट ।

वज्राय फट । पाशाय फट । ध्वजाय फट ।

अंकुशाय फट । गदायै फट । कुबेराय फट ।

त्रिशूलाय फट । मुदगराय फट । चक्राय फट ।

पद्माय फट । नागास्त्राय फट । ईशानाय फट ।

खेटकास्त्राय फट । मुण्डाय फट । मुण्डास्त्राय फट ।

काड्कालास्त्राय फट । पिच्छिकास्त्राय फट । क्षुरिकास्त्राय फट ।

ब्रह्मास्त्राय फट । शक्त्यस्त्राय फट । गणास्त्राय फट ।

सिध्दास्त्राय फट । पिलिपिच्छास्त्राय फट । गंधर्वास्त्राय फट ।

पूर्वास्त्रायै फट । दक्षिणास्त्राय फट । वामास्त्राय फट ।

पश्चिमास्त्राय फट । मंत्रास्त्राय फट । शाकिन्यास्त्राय फट ।

योगिन्यस्त्राय फट । दण्डास्त्राय फट । महादण्डास्त्राय फट ।

नमोअस्त्राय फट । शिवास्त्राय फट । ईशानास्त्राय फट ।

पुरुषास्त्राय फट । अघोरास्त्राय फट । सद्योजातास्त्राय फट ।

हृदयास्त्राय फट । महास्त्राय फट । गरुडास्त्राय फट ।

राक्षसास्त्राय फट । दानवास्त्राय फट । क्षौ नरसिन्हास्त्राय फट ।

त्वष्ट्रास्त्राय फट । सर्वास्त्राय फट ।

नः फट । वः फट । पः फट । फः फट ।

मः फट । श्रीः फट । पेः फट । भूः फट ।

भुवः फट । स्वः फट । महः फट । जनः फट ।

तपः फट । सत्यं फट । सर्वलोक फट । सर्वपाताल फट ।

सर्वतत्व फट । सर्वप्राण फट । सर्वनाड़ी फट । सर्वकारण फट ।

सर्वदेव फट । ह्रीं फट । श्रीं फट । डूं फट । स्त्रुं फट । स्वां फट ।

लां फट । वैराग्याय फट । मायास्त्राय फट । कामास्त्राय फट ।

क्षेत्रपालास्त्राय फट । हुंकरास्त्राय फट । भास्करास्त्राय फट ।

चंद्रास्त्राय फट । विघ्नेश्वरास्त्राय फट । गौः गां फट । स्त्रों स्त्रौं फट ।

हौं हों फट । भ्रामय भ्रामय फट । संतापय संतापय फट । छादय छादय फट ।

उन्मूलय उन्मूलय फट । त्रासय त्रासय फट । संजीवय संजीवय फट ।

विद्रावय विद्रावय फट । सर्वदुरितं नाशय नाशय फट !!

!! पशुपतिनाथ स्त्रोत् सम्पूर्णं इति !!

पाशुपतास्त्र स्तोत्र पठन के लाभ | Pashupatastra stotra in hindi

  • पाशुपतास्त्र स्तोत्र का केवल एक बार सम्पूर्ण भक्ति भाव से पठन करने से भी, मनुष्य को संकट से छुटकारा मिलता है.
  • इस स्तोत्र १०० बार पुरे ध्यान से पठन करने से भगवान भोलेनाथ के आशीर्वाद से समग्र उत्पातों का विनाश हो जाता है.
  • Pashupatastra stotra का पाठ करते हुए. पवित्र हवन में घी और गुग्गल अर्पित करना अंत्यंत शुभ फलदाई होता है. इससे किसी को भी असंभव कार्य में सफलता प्राप्त हो सकती है. (pashupatastra stotra in hindi)
  • पाशुपतास्त्र स्तोत्र अग्नि पुराण के 322 वें अध्याय से प्राप्त हुआ है. इसे अत्यंत प्रभावशाली होने के साथ साथ शीघ्र फलदायी भी माना गया है.
  • यदि किसी भी युवक अथवा युवती के विवाह कार्य में बाधाएं आ रही है.  तो पाशुपतास्त्र स्तोत् का १००८ पाठ कर के दशांश, हवन, तर्पण एवं मार्जन कर. यथा शक्ति ब्राह्मण भोजन कराकर पूर्णाहुति करें. शीघ्र ही उस युवक या युवती को योग्य जीवनसाथी प्राप्त होता है.
  • विवाह के अतिरिक्त pashupatastra stotra के नित्य पठन से घर संसार पर भोलेबाबा की कृपा बनी रहती है.

इस पेज पर स्तोत्र का पठन करने के लिए धन्यवाद. इस pashupatastra stotra in hindi को अन्य भक्तों के साथ जरूर साझा करें तथा इसी पेज पर और भी अध्यात्मिक लेख दिए गए है. वो भी आवश्य पढ़ें.

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