नमस्कार इस पोस्ट में हम papiha पक्षी के रोचक तथ्यों के साथ-साथ. इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी देनेवाले है. इस पक्षी को ठीक से जानने के लिए. इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें
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पपीहा के बारे में रोचक तथ्य | Papiha
1. पपीहा के बारे में कहा जाता है. यह पक्षी सिर्फ वृष्टि का ही पानी पिता है. यह कितना भी प्यासा हो फिर भी नदी, तालाब या किसी अन्य पानी स्त्रोत से जल नहीं पिता.
2. भारत में रहनेवाले कुछ papiha पक्षी शीतकाल के समय में श्रीलंका में स्थानांतरित हो जाते है. और ठंड का मौसम खतम होते ही भारत लौट आते है.
3. पपीहा अपनी एक खास आदत कि वजह से चर्चा का विषय बनता है. यह पक्षी कभी भी अपना घोंसला नही बनाता. यहाँ ताकि की मादा पपीहा अपना अंडा भी दुसरे पक्षियों के घोंसलों में देती है.
4. कैटरपिलर की आंत में अक्सर विषाक्त पदार्थ होते है. इसे खाने से पहले papiha कैटरपिलर को दबाकर और पेड़ की शाखा पर रगड़कर कैटरपिलर की आंतों को हटा देता हैं.
5. पपीहा पक्षी पूरे एशिया में विभिन्न रूप, रचना और आकार में दिखाई देता है. यह पक्षी अपना अधिकतर समय पेड़ पर ही बिताता है. यह जमीन पर काफी कम दफा उतरता है.
6. Papiha को कई सारे इलाकों में कपाक और उपक इन नामों से भी पहचाना जाता है.
7. पपीहा पेड़ों के बीच में छिपकर रहने में बहुत माहिर होता है. इसे मनुष्य द्वारा देखा जाना अंत्यंत दुर्लभ होता है. अर्थात यह कभी-कभार ही दिखाई पडता है.
8. क्या आप जानते है? Papiha bird बाज के जैसा दिखता है. कई बार पपीहा सामने आते ही गिलहरी और अन्य जीव इसे बाज पक्षी समझकर डर से शोर मचाते है.
9. क्या आपको पता हैं? Papiha bird के अंडे का रंग नीला होता है. और मादा पपीहा सिर्फ एकही अंडा देती है.
10. आमतौर पर पपीहा बहुत ही कम नजर में आता है. लेकिन बारिश के मौसम में इसे आम के पेड़ पर बैठा हुआ. देखा जाने की संभावना होती है. इसकी आवाज का स्वर पीहू-पीहू की तरह सुनाई देता है. Papiha की इसी आवाज की वजह से पक्षी प्रेमी इसे ढूंढ लेते है.
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11. यह पक्षी उड़ते समय फ्लैप और ग्लाइड शैली का उपयोग करता है. जो गौरैया और शिकरा पक्षी के साथ मेल खाती है.
12. Papiha pakshi अपनी सुरीली आवाज की वजह से प्रख्यात है. इसकी आवाज में कई स्वर होते है. बहुत से पक्षी प्रेमी पपीहा की आवाज कोयल से भी अधिक बेहतर बताते है. इसकी आवाज और स्वर को ध्यान में रख कर. कई सारे गानों के बोल भी लिखे जा चुके है.
13. पपीहा पक्षी को brainfever bird नाम से भी नाम से जाने जाते है. इनके द्वारा निकाले जाने वाले स्वरों की वजह से इन्हें यह नाम दिया गया है.
14. भारत में papiha पक्षी ज्यादातर Turdoides striatus और Turdoides affinis नामक पक्षियों के घोंसले में अंडे देते हैं.
15. क्या आप जानते है जब पपीहा की आवाज लगातार आती है. तो ऐसा समझा जाता है की गर्मियों का मौसम अपनी चरम सीमा पर है.
16. Papiha अपने इलाके को ज्यादातर नहीं छोड़ते. लेकिन ठंड के मौसम में उंचे और सूखे स्थान को छोड़कर. आस पास वाले अनुकूल स्थानों पर यह स्थानांतरण कर सकते है.
17. पपीहा हिमालय से 1000 मी. ऊंचाई के नीचे ही विचरण करता पाया जा सकता है.
पपीहा कैसा होता है | Papiha bird
पपीहा का आकार तकरीबन 34 से.मी तक हो सकता है. इसकी पीठ पर मौजूद पंख स्लेटी रंग के होते है. और पेट पर सफेद-भूरे रंग धारियां होती है. पपीहा की पूंछ पर चौड़ी धारियाँ होती हैं.
इसकी चोंच और पैर दोनों का रंग पीला होता है. लेकिन पैरों पर हरे रंग के हलके-हलके धब्बे भी होते है. पपीहा के आँखों के भीतर पीले रंग का छल्ला होता है. पेट के ऊपरी भाग पर काले निशान दिखाई देते हैं.
Papiha bird उड़ते समय अपने पर (पंख) फड़फड़ाते हुए. उन्हें फैलाकर ऊपर की ओर उड़ान भरता है. और बैठते वक्त यह अपनी पूँछ को एक से दूसरी तरफ हिलाता है.
पपीहा नर और मादा एक जैसे ही प्रतीत होते है. परंतु ठीक से निरीक्षण करने पर पता चलता है. नर का आकार मादा से तनिक बड़ा होता है.
पपीहा कहा पाया जाता है
Papiha pakshi के आवास योग्य स्थान बाग, बगीचे, पतझड़ और अर्ध सदाबहार जंगलों में होता है. यह पक्षी भारत, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार और श्रीलंका जैसे अन्य देशों में भी पाया जाता है.
पपीहा का प्रजनन, अंडा और बच्चे
Papiha pakshi का प्रजनन काल गर्मियों के मौसम में मार्च से जून महीने के बीच का होता है.
प्रजनन मौसम के दौरान नर पपीहा 3 स्वरों वाली आवाजों को बार-बार दोहराता है. जिसमे से दूसरा स्वर लंबा और ऊंचा होता है. उसके बाद तीसरा स्वर निकलते ही. यह अचानक से शांत होता है. और फिरसे उसी लय में आवाज निकालने लगता है.
Papiha का ये आवाजें निकालने का सिलसिला काफी लंबे समय तक चलता रहता है. कई बार तो इसे पूरा दिन सुना जा सकता है.
मादा पपीहा अप्रैल से जून महीने के बीच एक अंडा देती है.
इस पक्षी को Brood Parasites कहा जाता है. क्योंकि यह अपना घोंसला ना बनाते हुए. अन्य पक्षियों के घोंसले में अंडा देते है. और अपने बच्चों के पालन पोषण के लिए. घोंसले वाले पक्षियों पर निर्भर रहते है.
Papiha pakshi का बच्चा अंडे से बाहर आते ही. घोंसले में मौजूद दूसरे पक्षी के अंडों को बाहर धकेल देता है. हालांकि यह हमेशा ऐसा नहीं करता. पपीहा के बच्चे का पालन पोषण तकरीबन १ महीने तक. घोंसले में ही दूसरे चूजों के साथ ही किया जाता है. लेकिन कभी कभी इसे बड़ा होने तक भी पाला जाता है.
श्रीलंका में पपीहा का प्रजनन काल जनवरी से अप्रैल तक होता है.
पपीहा क्या खाता है
पपीहा के आहार में कैटरपिलर, टिड्डे, टिड्डियां, सिकाडस, पंख वाली चींटी ,दीमक, और छिपकली के साथ अंजीर व जामुन की तरह अन्य फल भी शामिल है.
पपीहा के बारे में अन्य जानकारियां | Papiha
- सामान्य से अधिक ऊंचाई पर रहने वाले. पपीहा पक्षी सर्दियों के मौसम में. अपना स्थान छोड़कर कम ऊंचाई वाले स्थान पर या दक्षिण दिशा में रहने चले जाते है. क्योंकि इनके लिए ठंड अनुकूल नहीं होती है.
- पपीहा पक्षियों के क्यूकलिडी कुल का सदस्य है.
- Papiha का वैज्ञानिक नाम हायरोकॉक्सिस वेरिअस है.
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) के मुताबिक Papiha पक्षी संकटमुक्त जाति की सूची में आता है.
- दुनिया भर में पपीहा की आबादी संतुलित है. लेकिन तेजी से कम होते हुए. जंगली इलाकों की वजह से उनकी आबादी को खतरा हो सकता है.
- Papiha यह पक्षी अधिकता दक्षिण एशिया पाया जाता है. इसका रंग, रूप एवं उडने का तरीका शिकरा पक्षी के साथ मीलता जुलता होता है. इसी कारण अंग्रेजी भाषा में papiha को Common hawk-cuckoo यह नाम मिला हुआ है.
- श्रीलंका में पायी जानेवाली पपीहा प्रजाति का नाम ciceliae है. यह प्रजाति वहां के पहाड़ी इलाकों में निवास करती है.
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