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साही जानवर के २७ रोचक तथ्य एवं सम्पूर्ण जानकारी | Kante Wala Janwar | Porcupine In Hindi

नमस्कार, आज इस लेख में हम सबसे खतरनाक. कांटे वाला जानवर कहे जाने वाले. “साही” के रोचक तथ्य देखने वाले है. साथ ही हम इस जानवर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी भी प्राप्त करेंगे. तो चलिए शुरू करते है.

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साही जानवर के रोचक तथ्य | Kante Wala Janwar

1. साही जानवर के मुंह में सामने वाले २ दांत जीवन भर बढ़ते रहते है. उसे नियंत्रण में रखने के लिए. वह अपने दांतों को समय समय पर घिसता है. और इसके लिए वह पेड़ की छाल, खेतों की लोहे की बाड़, एवं पत्थर जैसी अन्य चीजों का भी इस्तेमाल करता है.

2. साही कभी मांस नहीं खाता. परंतु वह अपने दांतों को घिसने के लिए. जंगल में मिलने वाली मृत जानवरों की हड्डियों को चबाता है. इससे उसके शरीर में नमक और कैल्शियम. जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की पूर्ति होने के साथ – साथ रीढ़ की हड्डी भी मजबूती होती है.

3. यह जंगल का सबसे बेहतरीन गुफा बनाने वाला जानवर होता है. साही जानवर जमीन के अंदर १३ मीटर. या उससे अधिक लंबी गुफा बनाता है. और यह अपनी गुफा के भीतर अविश्वसनीय ढंग १ से ज्यादा चेम्बर्स (रूम) भी बनाता है. जिसका इस्तेमाल वह बिल (गुफा) में प्रवेश करने वाले परभक्षियों से छिपने के लिए करता है.

4. क्या आपको पता है? भारतीय साही अपनी गुफा को पक्षियों और सरीसृपों की 18-22 विभिन्न प्रजातियों के साथ साझा (share) करता है.

5. असुरक्षित महसूस होने पर. Sahi janwar अपने शरीर पर मौजूद काँटों को खड़े कर देता है. और अपनी पूंछ पर मौजूद खोखले काँटों को झुनझुने की तरह बजाता रहता है. कई बार इसके काँटों की वजह से शेर व बाघ जैसे बडे-बडे मांसाहारी जानवरों की मौत दर्ज की गई है.

6. साही जानवर के सम्पूर्ण शरीर पर सबसे अधिक लंबे कांटे, गर्दन और कंधे के हिस्सों पर उगते है.

7. Sahi janwar के शरीर पर काँटों की संख्या तकरीबन 30,000 के करीब होती है. ये कांटे जब पुराने हो जाते है. तब वो झड़ कर उनकी जगह नए कांटे उगते है.

8. आम तौर पर साही जानवर का कांटा 15 और 30 सेमी तक लंबा होता है. लेकिन यह तकरीबन 51 सेमी तक लंबा भी हो सकता है.

9. क्या आप जानते हैं साही जानवर के बच्चे खुली आँखों से पैदा होते है और उस वक्त उनके शरीर पर मुलायम बाल (कांटे) होते है. लेकिन जन्म के कुछ घंटो बाद ये सक्त बनजाते है.

10. साही का अंग्रेजी नाम Porcupine लैटिन भाषा से लिया हुआ है. जो “porcus” और “spina” का संयोजन है. इसमें Porcus का अर्थ है सुअर और spina का अर्थ है कांटा.

11. यह kante wala janwar चढने या कुद ने में असमर्थ होते है. लेकिन यह तैरने में काफी माहिर होता है.

12. साही जनावर के सामने वाले पैर काफी मजबूत होते है. जिसका इस्तेमाल वह बेहतरीन और गहरी गुफा खोदने में करते है.

13. यह जनावर रात के समय में लगभग ७ घंटे. अकेले ही भोजन खोजने एवं उसे खाने में बिताता है.

14. सर्दियों के मौसम में साही जनावर चांदनी रात में बाहर नहीं निकलता है. जब कि गर्मियों के मौसम वाली चांदनी रातों में यह  बाहर निकल सकता है. लेकिन उस समय यह अधिकतर अपने घर के नजदीक ही रहता है.

15. सर्दी के महीनों में sahi animal कभी कभार दिन के समय में धूप सेंकता है.

16. यह अपनी खोदी हुए गुफा के साथ-साथ. दूसरों की छोड़ी हुई गुफाओं में भी रहता है.

17. अंग्रेजी भाषा में साही जानवर की प्रजाति में नर को Boars और मादा को Sows कहा जाता जाता है.

18. साही जानवर के बच्चों को pups और उनके झुंड को prickle कहा जाता है.

19. इस जानवर को निशाचर कहते है क्योंकि साही दिन का समय अपने बिल में आराम करते हुए बिताता है. और रात के वक्त खाने के लिए वन भ्रमण करता है.

20. यह शारीरिक रूप से काफी मजबूत होता है. साही हिमालय जैसे दुर्गम स्थान पर भी 2400 मीटर की ऊंचाई पर अपना जीवन बिता सकता है.

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21. साही के काँटों को अंग्रजी में क्विल्स (quills) कहा जाता है.

22. ये कांटे “keratin” से बने होते है. जिससे हमारे बाल बनते है.

23. भारतीय साही जीवन भर के लिए. सिर्फ एक ही साथी चुनते है.

24. आमतौर पर भोजन की तलाश करने वाले साही. घुर घुराने की आवाज निकालते हैं.

25. Syahi animal (साही) का जीवनकाल 18 से 20 वर्षों तक का हो सकता है.

26. साही का वैज्ञानिक नाम हिस्ट्रिक्स इंडिका है. यह हिस्ट्रिसिडी कुल का जीव है. जिसका वंश हिस्ट्रिक्स माना जाता है.

27. साही को सेही नाम से भी पहचाना जाता है.

क्या साही अपने कांटे दूर तक मार सकता है | Porcupine In Hindi

Sahi janwar को जब भी किसी जीव से भय लगता है. तो वह अपने काँटे खड़े करके. दुश्मन की तरफ पीठ दिखाता है. लेकिन साही का कांटा तभी किसी को चुभ सकता है. जब इसे किसी हमलावर का स्पर्श होता है.

स्पर्श होते ही कांटा साही के शरीर से अलग होकर. शिकारी के शरीर में धंस जाता है. साही बड़ी चालाकी से दुश्मन की तरफ पीठ घुमाकर. इसी कोशिश में रहता है. की दुश्मन काँटों को छू ले.

या इतना नजदीक आ जाये की साही उसे कांटा चुभा दे. इस प्रकार साही एक खतरनाक kante wala janwar साबित होता है.

क्या साही के कांटे चुभने से मौत होती है

वैज्ञानिकों द्वारा जब Sahi janwar के काँटों का गहराई से निरीक्षण किया गया था. तब उन्हें पता चला की यह कांटे नुकीले होने के साथ साथ. इनपर अत्यंत सूक्ष्म अनगिनत कांटे होते है. ये सूक्ष्म कांटे मुख्य कांटा चुभने की विरुद्ध दिशा में होते है. इसकी तस्वीर निचे दी हुई है

syahi animal

इसका कांटा जब भी किसी के शरीर में धंसता / चुभता है. उस समय यह कांटा उस पर मौजूद सूक्ष्म कांटो की वजह से धीरे-धीरे और भी अंदर तक धंसता चला जाता है.

इस कांटे को निकालने में काफी दर्द सहना पड़ता है. इंसान तो इसे हाथ से निकाल सकते है. लेकिन ये कांटे जब किसी जानवर को लगते है. तो इससे उसकी मौत होने की गहरी सम्भावना होती है. Sahi janwar के कांटे चुभने से लोमड़ी से लेकर शेर तक की मौत होती देखी गई है.

भारत में साही का शिकार करने वाले. कई सारे बाघ तथा तेंदुओं की मृत्यु दर्ज की गई है. उनकी मौत साही के कांटे लगने से ही हुई थी.

साही का प्रजनन और बच्चे | Sahi animal

साही एक स्तनधारी जानवर है. मादा साही अपने बच्चों को गर्भ से जन्म देती एवं दुध पिलाती है.

भारतीय साही का प्रजनन काल फरवरी और मार्च के महीने में होता है.

इनकी गर्भावस्था लगभग 240 दिनों तक चलती है.

एक मादा साही प्रत्येक वर्ष 2 से ४ बच्चों को पैदा करती है.

माता पिता दोनों मिलकर बच्चों की देखभाल करते है.

इनके बच्चों का दूध 13-19 सप्ताह बाद छुड़ाया जाता है. और Sahi animal के  बच्चे यौन परिपक्व होने तक अर्थात २ साल तक अपने माता पिता के पास माँद में ही रहते हैं.

साही जानवर माता और बच्चे की एक तस्वीर नीचे दी हुई है.

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साही के बारे में अन्य जानकारी | Kante Wala Janwar

साही के शिकारियों में बड़ी बिल्लियाँ, कैरकल, भेड़िया, धारीदार लकड़बग्घा, जंगली कुत्ते, मगरमच्छ और मनुष्य के साथ कुछ और भी शिकारी शामिल हैं

साही जानवर कहाँ पाया जाता है

Sahi janwar के रहने योग्य अनुकूल स्थान चट्टानी पहाड, उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन और शीतोष्ण झाड़ि, घास मैदान और जंगल के साथ हिमालय के पहाड़ों में भी होता है.

यह kante wala janwar भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान, इज़राइल, ईरान और सऊदी अरब जैसे और भी देश पाया जाता है.

Kante Wala Janwar – साही कैसा होता है

साही के शरीर पर मौजूद बाल (कांटे) मोटे, सक्त, मजबूत और नुकीले होते है. जो शिकारियों से इसकी जान बचाने में मददगार होते है. इन सख्त बालों की वजह से साही को कांटे वाला जानवर भी कहते है.

Sahi janwar के सिर से लेकर शरीर की लंबाई 70 से 90 सेंटीमीटर तथा पूंछ की लंबाई तकरीबन 8 से 10 सेंटीमीटर हो सकती है. इस जानवर का वजन 11 से 18 किलोग्राम होता है.

साही के कांटे की लंबाई 15 से 30 सेंटीमीटर तक हो सकती है. इसके काँटों का रंग भूरा या काला होता है. जिसके ऊपर सफेद रंग की पट्टी होती है. कांटे की एक तस्वीर यहां दी गई है.

Sehi animal के पैर चौड़े होते है. इसके नाखून लंबे व मजबूत होते है. जिसका इस्तेमाल वह जमीन खोदकर खाना खोजने या फिर बिल खोदने के लिए करता है.

साही क्या खाता है | Kante wala janwar

साही जानवर एक बड़े आकार का कृन्तक है. इसलिए वह खरगोश और गिलहरी के सामान. अपना खाना कुतर कर खाता है.

यह sahi animal शाकाहारी है. इसके भोजन में जंगली वनस्पति, फल, अनाज और पेड की जड शामिल है. इनके खाने में खेतों में उगने वाली सब्जियां तथा अनाज भी शामिल है.

साही जानवर का संरक्षण| Kante wala janwar

अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) के सितंबर २०१६ के आकलन अनुसार. संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची में sahi janwar को संकटमुक्त (LC-Least Concern)” श्रेणी में स्थान प्राप्त हुआ है.

यह kante wala janwar भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के सूची IV के तहत संरक्षित रखा गया है.

साही की आबादी स्थिर है. अर्थात कम चिंता का विषय है. उनकी जनसंख्या स्थान के अनुरूप भिन्न भिन्न है. भारत में यह प्राणी कई जगहों में दिखना आम बात है. लेकिन मनुष्य की बढ़ती आबादी, शहरीकरण एवं घातक कीटनाशक के कारण वर्तमान काल में इनके आवास क्षेत्र नष्ट हो रहे है.

इस लेख में दी हुई kante wala janwar की जानकारी आपको कैसी लगी. यह हमे कमेंट के माध्यम से जरुर बताएं.  इस पोस्ट में आपके लिए और भी बेहतरीन जानकारी से भरे हुए लेख दिए गए है. वो सब भी जरुर पढ़िए. और अन्य लोगों के साथ भी शेयर करें.

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