तेंदुआ का परिचय: भारत में तेंदुए को गुलदार नाम से भी पहचाना जाता है. दुनिया के सबसे प्राचीन तेंदुए के जीवाश्म यूरोप में हुई, एक खुदाई के दौरान मिले थे. उन जीवाश्मों का लगभग 600,000 साल पुरेने होने के अनुमान लगाया जाता है.
इस आर्टिकल के शुरुआत में ही बताना चाहेंगे की. तेन्दुआ, चिता और जैगुआर ये 3 अलग-अलग जानवर है. हालांकि, जानकारी के अभाव वश बहुतसे वन्य जीव प्रेमी दिखावट की वजह से इन तीनो को एक ही मान लेते है.
हमारे आर्टिकल information about leopard in Hindi का मुख्य उद्देश्य यही है की आपको तेन्दुआ इस जंगली प्राणी की पूरी जानकरी प्रदान करना. इस लेख के अंत में हमने तेंदुए के बारे में कुछ रोचक तथ्य भी बताये है,
जिससे आपको तेंदुए के बारे में काफी कुछ अनसुनी और दुर्लभ जानकारियां मिलनेवाली है. इसीलिए आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़े. तो चलिए पढ़ते है तेन्दुआ के बारे में विस्तार से जानकारी हिंदी में.
तेंदुआ कौनसे नामो से प्रचलित है? Information About Leopard In Hindi
तेंदुआ के सामान्य नाम – भारत में तेंदुआ को गुलदार और बघेरा नाम से भी पहचाना जाता है.
तेंदुआ का वैज्ञानिक नाम – Panthera pardu है, जिसका उच्चारण “पैन्थेरा पार्डस” कर सकते है.
तेंदुआ को अंग्रेजी में क्या कहते है ? -अंग्रेजी में Leopard कहते है, जिसका उच्चारण “लेपर्ड” होता है.
तेंदुए की पहचान कैसे की जाती है? How to identify leopard?
तेंदुआ एक विडाल (बड़ी बिल्ली) वंशीय प्राणी है. यह अपने ही वंश के चीता और जगुआर, इन 2 जानवरों से काफी मिलता जुलता दिखता है. जिस वजह से कई वन्यजीव प्रेमी.
इन तीनो में तेंदुआ की पहचनान नहीं कर पाते है और बहुतायत इन्हें एक ही मान लेते है. Detail information about leopard in Hindi इस आर्टिकल की शुरुआत में ही हम आपको तेंदुए की पहचना कैसे की जाती है. इसकी जानकरी विस्तार से दे रहे है.
तेंदुआ,चीता और जगुआर में विभिन्नता Difference in Leopard, Cheetah and Jaguar
तेंदुआ : आम तौर पर तेंदुए की खाल हलके नरम पीले रंग की और मोटी होती है. जिसपर फूल की आकृति समान गहरे काले रंग के धब्बे होते है. तेंदुए के पेट का भाग सफेद रंग का होता है. इसकी पूंछ शरीर की लम्बाई से छोटी होती है.
तेंदुए की टांगे मध्यम आकार की होती है. जो इसे आसानी स पेड़ों पर चढने में सक्षम बनती है. विशेषता तेंदुए की खोपड़ी उसके शरीरके किसी भी अंग से अधिक बड़ी होती है.
यह खोपड़ी चीते से बडी होती है. पर जगुआर से थोड़ी छोटी होती है. तेंदुए का वजन 36 -75 किलोग्राम तक हो सकता है. नर तेंदुए का आकार मादा तेन्दुआ के मुकाबले लगभग ३० प्रतिशत बडा होता है.
चिता: चीता तेंदुए और जगुआर से आकार में छोटे (पतले) होते है. इसकी फर यानकी चमड़ी पर मोटे-मोटे काले धब्बे होते है. इसकी खोपड़ी का आकार तेंदुआ और जगुआर के तुलना में काफी छोटा होता है.
चिता के पैर तेंदुआ के तुलना में काफी पतले होते है. जो इसे तेज रफ़्तार के साथ शिकार का पीछा करने में काम आते है. चीते की विशेषता में इसके चहरे पर दिखने वाले काले रंग की रेखाएं होती है. जिनको “आँसू चिह्न” भी कहा जाता है.
वो रेखाएं इसके आँखों के कोने वाले हिस्से से निकलकर. उसकी नाक के नीचे से मुंह तक दखाई देती है और यही इसे तेंदुए से पूरी तरह भिन्न बनाती है.
जैगुआर: जैगुआर आकार में तेंदुआ से अधिक बडा होता है. पर दिखने में हुब हु तेंदुए जैसा ही प्रतीत होता है. पर इसे गौर से देखने पर दोनों में अंतर का पता चल जाता है.
क्योंकि जगुआर की खोपड़ी की तेंदुए की तुलना में अधिक बड़ी होती है. जगुआर की खाल चमकीली पीले रंग की होती है. और इनकी खाल पर चिकत्तियों के बड़े-बड़े गोल निशान होते है.
ये निशान जगुआर को तेंदुए से भिन्न बनाते है. क्योंकि ये तेंदुए के निशान से अधिक बड़े, फैले हुए और कम संख्या में होते हैं.
तेंदुए की भौतिक विशेषताओं के बारे में जानकारी? Information about physical characteristics of Leopard?
एक युवा तेंदुए का कद ४० से ८० सेंटीमीटर तक हो सकता है.
लम्बाई सिर से लेकर शरीर की लंबाई 100-196 सेंटीमीटर होती है. जिसमे 70-95 सेंटीमीटर की पूछ भी शामिल होती है.
नर तेंदुआ मादा तेंदुआ से आकार में अधिक बडा होता है.
एक नर तेंदुए का वजन 30-70 किलोग्राम होता है. जबकि मादा तेंदुआ का वजन 28-60 किलोग्राम.
तेंदुए की भौतिक विशेषता में खास उसका सिर होता है. जो की शरीर के किसी भी अन्य हिस्से से बडा होता है.
तेंदुए के पंजे चौड़े मजबूत और लचीले होते है. जिससे उन्हें शिकार पर अचूक पकड बनाने में मदत मिलती है.
तेंदुए के शरीर पर एक फूल की पंखुडियो आकृति सामान गहरे काले धब्बे होते है. जिसके कारण तेंदुए को गुलदार इस खास नाम से संबोधित किया जाता है.
यही काले धब्बे तेंदुए का चेहरा, सिर, गला, छाती और पैर पर भी होते है.
तेंदुए की भौगोलिक सीमा क्या है ? What is the geographical limit of leopard?
तेन्दुआ एक दुर्लभ जानवर होने के साथ-साथ, विलुप्ति की कगार पर भी खड़ा है. जिस वजह से इसको संरक्षण स्थिति में रखा गया है. तेन्दुआ अफ़्रीका, अमरीका,कम्बोडिया और दक्षिण एशिया इन स्थानों पर पाया जाता है.
अन्य विडाल वंशीय (बड़े आकार की बिल्ली प्रजाति) के मुकाबले. तेंदुए अपने रहने के लिए सबसे बडे स्थान चुनते है. पर एक बात इस लेख में जरुर बताना चाहते है की तेंदुए बाघ के इलाखे से दूर रहना पसंद करते है.
तेंदुए के विषय में चिंता जनक बात ये है की एशिया में हॉन्ग कॉन्ग, लीबिया, ट्यूनीसिया, कुवैत, सिंगापूर और मोररको जैसे स्थानों पर पाई जाने वाली तेंदुए की दुर्लभ प्रजातियां काफी हद तक लुप्त हो चुकी है.
तेन्दुआ किसी भी तरह के वातावरण में रहने की क्षमता रखते है. यह वर्षावन, वन, पर्वत और सवाना के इलाखे में भी पाए जाते है.
तेंदुए का मुख्य आहार क्या होता है? Information About the main diet of a Leopard In Hindi
तेंदुआ एक रात में शिकार करने वाला प्राणी है. वह अपनी तय सीमा में मिलने वाले छोटे व शाकाहारी प्राणियों का शिकार करना पसंद करता है. जैसे खरगोश ,जंगली सूअर, हिरण, बंदर, बबून इत्यादी.
तेंदुआ दुसरे परजीवी का भी शिकार कर सकता है.
इसे मानव बस्ती में पाए जाने वाले पालतू कुत्ते का मांस खाना बहुत पसंद होता है. यह बहुत ही शातिर तरीके से मानव बस्ती में प्रवेश करके कुत्ते, बकरी, मेमना या भेड़ को मारकर जंगल में ले जाते है.
तेंदुए का प्रजनन और जीवन चक्र की जानकरी Information About Leopards Breeding And Life Cycle In Hindi
तेंदुआ अपने तय किये गए क्षेत्र में पुरे वर्ष के दौरन कभी भी सहवास (प्रजनन) कर सकते है.
मादा तेंदुआ का गर्भकाल 90 से 105 दिन तक होता है और गर्भकाल पूरा होने के बाद वह एक से चार शावको को जन्म दे सकती है.
मादा तेंदुआ शावको को जन्म देने के लिए, गुप्त स्थान चुनती है. जैसे की दुर्गम पहाड़ी इलाखे में चट्टानों के बिच, पुरनी जंगली गुफाये, कभी-कभी उचित गुप्त स्थान ना मिलने पर मादा तेंदुआ एक मांद बनाने के लिए गड्डा भी खोद सकती है.
तेंदुआ शावक जब जन्म लेते है. तब उनकी आंखे बंद होती है. जो 4 से 9 के दिनों के उपरांत खुलती है.
तेंदाए के शावक जब तीन महीने के हो जाते है, तब अपनी माँ से शिकार करने के तरके सीखना शुरू कर देते है. information about leopard in Hindi
तेंदुआ शावक 18 से 24 महीने के होने. तक अपनी माँ के साथ रहते है. उसके बाद वह खुद शिकार करने में सक्षम बन जाते है, फिर वे अपनी माँ से अलग हो जाते है.
तेंदुए का जीवनकाल (उम्र) 12 से 15 साल तक हो सकता है. हालांकि अगर वही तेंदुआ चिड़ियाघर में रहता है, तो वह 22 साल तक भी जीवित रह सकता है.
पारिस्थितिकी तंत्र में तेंदुए की भूमिका क्या है? What is leopard role in ecosystem?
तेंदुआ अपने शक्तिशाली शरीर, तैरने व पेड़ों पर चपलता से चढ़ने की विशेष काबिलियत की वजह से किसी भी दुर्गम स्थान या वातावरण में रह सकता है.
तेंदुए को बाघ और शेर के बराबर भोजन शृंखला में उच्च दर्जे के शिकारी होने का स्थान प्राप्त है.
तेंदुए छोटे जानवरों का शिकार करने पर ज्यादा लक्ष केन्द्रित करते है. जिसमें इन्हें बाघ जैसे बडे प्रतिस्पर्धा का मुकाबला नहीं करना पड़ता.
तेंदुए के पेड़ पर चढने की क्षमता के आधार पर बंदर और बबून का भी शिकार करते है. जिससे पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) में बंदर की आबादी नियंत्रित होती है.
तेंदुए को प्राप्त संरक्षण के विषय में जानकारी Information about leopard Protection in Hindi
तेंदुए की शिकार कर के उसकी खाल व इतर अंग को बेचने वाले, अवैध व्यापारी व शिकारियों की वजह से तेंदुए की प्रजाति नष्ट हो रही है.
जंगल के नजदीक या मध्य मे बनी कंक्रीट सड़कों पर चलने वाले वाहनों से टकराकर भी तेंदुए और इतर वन्यजीवों की मृत्य होती रहती है.
इन जैसे अनेक कारणों ध्यान में रखते हुए जुलाई 2015 के आकलन अनुसार तेंदुआ को संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची में असुरक्षित (Vulnerable) श्रेणी में रखा गया है.
तेंदुआ भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के सूची I के तहत संरक्षित किया गया है.
जिस वजह से तेंदुए की हत्या करना व इसके शरीर के अंग से बनी वस्तु खरीदना व बेचना कायदे से गुन्हा है.
तेंदुए की हत्या में दोषी मिलने पर उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी.
तेंदुए की उपप्रजातियों की जानकरी Information about leopard Subspecies in Hindi
Information about leopard in Hindi इस आर्टिकल में अब तक पहचानी गई तेंदुए की ८ उप-प्रजातियों की जानकरी दे रहे है. इन आठ प्रजातियों को कैट स्पेशलिस्ट ग्रुप के कैट क्लासिफिकेशन टास्क फोर्स ने वैध रूप से मान्यता दी हुई है.
जबकि इनके आलावा और भी उपप्रजातीय हो सकती है, लेकिन चिंताजनक बात तो यह है की बहुत सी अनोखी प्रजातियाँ तो अदृश्य (लुप्त) हो चुकी है, जिनके बारे में पूरी तरह जानकरी भी मिल नहीं पायी.
1.अफ्रीकी तेन्दुआ – यह विडाल वंशीय सबसे अधिक तादाद में अफ्रीका क्षेत्र में पाया जाता है. इसका अस्तित्व मुलतहा मोरक्को और ज्यादातर उप सहारा अफ्रीका में मौजूद है.
अफ्रीकी तेंदुए का रंग इसके निवास स्थान पर निर्भर करता है.इसकी फर का रंग हल्के पीले से लेकर गहरे सुनहरे रंग कभी हो सकता है. नर अफ्रीकी तेंदुए का वजन औसतन 60 से 91 किलोग्राम तक हो सकता है.
और मादा तेंदुआ का वजन 35 से 40 किलोग्राम तक हो सकता है. इसके आहार में चूहा, पक्षि, हिरण, जलकुंभी, खरगोश इत्यादि शामिल है.

2.भारतीय तेन्दुआ– इसके नामकी ही तरह इस तेंदुए का मूल निवास स्थान भारत है. यह भारतीय उपमहाद्वीप पर अधिक तादाद में पाये जाते है. संशोधन में मिले हुए कुछ प्रमाणों के आधार पर.
भारतीय तेन्दुआ म्यांमार और दक्षिणी तिब्बत के घने जंगलो में भी पाया जाता है. तेंदुए की खाल और इतर अंगो की अवैध तस्करी करनेवाले शिकारियों की वजह से.
भारतीय तेन्दुआ भी अन्य उप प्रजातियों की तरह नष्ट हो रहा है. जिस वजह स इसे (International Union for Conservation of Nature) IUCN की लाल सूची रखा गया है. जिसके तहत इसे संरक्षण प्राप्त है.
IUCN – Stands for- International Union for Conservation of Nature
और अच्छी बात ये है. की भारतीय तेंदुए को मिलने वाले संरक्षण की वजह स इसकी आबादी भी बढ गई है. जिसका विवरण मैंने इसी लेख में दिया है.

3.जवन तेंदुआ – इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर जवन तेंदुए का अस्तित्व स्थापित है. इस द्वीप के नाम की वजह से इसे जावाई तेन्दुआ भी कहा जाता है. प्रकृति संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ की ओर से 2008 में. जवन तेंदुए को लाल सूची में दर्ज किया गया है.
इसका कारण ये है की जवन तेंदुआ भी तेजी स विलुप्ति की ओर बढ़ रहा है. जवन तेंदुए आहार में भौंकने वाला मृग, जंगली सूअर और जावा माउस-हिरण जैसे जानवर शामिल है. information about leopard in Hindi

4.अरबी तेन्दुआ– यह तेंदुआ उप-प्रजाति शरीर आकार में सबसे छोटे आकार का तेन्दुआ है. इसका मूल आवास स्थान अरबी द्वीप और सिनाई प्रायद्वीप है. अरबी तेंदुए को अधिकतर लुप्त ही माना जाता है.
क्योंकि शिकारी और अन्य वन्य सम्पति के अवैध व्यापारियों की वजह से इसकी आबादी काफी बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है. लेकिन यह अरबी तेंदुआ कभी-कभी सैलानियों की नजर में आ भी जाता है.
अरबी तेंदुए जीवत रहने के लिए अरब के गजले, न्युबियन आइबेक्स (छोटे आकार का बारासिंगा) (बकरे की एक जाती), केप हरे (खरगोश), साही, इन जैसे प्राणियों का शिकार करते है.

5.फारसी तेन्दुआ– यह तेंदुआ “कोकेशियान तेंदुआ” नाम से भी प्रचलित है. ये मुलतहा काकेशस, ईरान, अफ़ग़ानिस्तान और मध्य एशिया के जंगलो में पाया जाता है.
फारसी तेंदुआ दिखने में अन्य प्रजातियों से आकर्षक होता है. इसका वजन 60 किलोग्राम तक हो सकता है. अवेध रूप से जंगल की सम्पति का व्यापार करने वाले. शिकारी समुदाय की वजह से. यह तेंदुआ भी संरक्षण के खातिर अंतर्राष्ट्रीय संघ की लाल सूचि में मौजूद है.
फारसी तेंदुए ठंडे व बर्फीले स्थानों से दूर रहना पसंद परता है. यह सबालपीन घास का मैदान और चौड़े जंगली स्थानों पर अधिक संख्या में पाया जाता है. ये अपनी उपजीविका के लिए.
जंगली बकरा (कैप्रा एगेग्रस), ओविस प्राच्य, जंगली सूअर, छोटी हिरन-कैप्रोलस कैपेरोलस-तथा गज़ल गज़ले-( छोटा बारहसिंघा) इन प्राणियों की शिकार के उपर निरभर है.

6. अमूर तेन्दुआ– इस तेंदुए का मूल निवास स्थान. प्रिमोर्स्की क्राय दक्षिणपूर्वी का क्षेत्र, रूस और उत्तरी चीन है. 2007 में दक्षिण-पूर्वी रूस और उत्तरपूर्वी चीन में. केवल 19 से 26 की आबादी संख्या में बचने का अनुमान लगाया गया था.
जिस वजह से इससे भी (अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ) IUCN लाल सूची ने रखा गया है.अमूर तेंदुए की फर अन्य तेदुए की प्रजाति के मुकाबले मोटी और मुलायम होती है.
ये स्वाभविक रूप से अकेले रहना पसंद करते है. अमूर तेंदुए साइबेरियाई रो हिरण, सिका हिरण और जंगली सूअर इन जैसे जानवरों का शिकार करते है. ये उस जगह को अपना निवास स्थान बनाना पसंद करता है. जिस जगह उनके शिकार झुडं में रहते है.

7.इंडोचिनी तेंदुआ– तेंदुए की यह उप प्रजाति मुलतहा दक्षिण- पूर्व एशिया और दक्षिणी चीन के जंगलो में पाई जाती है. इंडोचिनी तेंदुआ अवेध शिकारीयो की वजह से लुप्त होते जा रहा है.
जंगली सूअर, मकाक, कम माउस हिरण और खरगोश. ये अमूर तेंदुए के मुख्य खाद्य है. इंडोचिनी तेंदुआ के नष्ट होने का मुख्य कारण चीन में बनाने वाली पारंपरिक दवाएं.
और मलेशिया में म्यांमार में इनकी खाल की बढती मांग है. जिसके लिए इंडोचिनी तेंदुए का शिकार किया जाता है.

8.श्रीलंकाई तेन्दुआ– यह तेंदुए की उपप्रजाति इसके नामकी तरह श्रीलंका में पाई जाती है. इस तेंदुए के सन्दर्भ में जानकरी सबसे पहले. प्राणीशास्त्री पाउल्स एडवर्ड पियरिस डेरानियागाला ने 1956 में दी थी.
तेंदुए की इतर प्रजाति के जैसे ही श्रीलंकाई तेन्दुआ भी IUCN लाल सूची में दर्ज है. जिस वजह से इसे संरक्षण की स्थिति में रखा जाता है. श्रीलंकाई तेंदुए 12 से 15 साल जीवित रहते है.
लेकिन अगर इन्हें प्राणीसंग्रहालय में रखा जाता है. तो वह 22 साल तक भी जीवत रह सकते है. श्रीलंकाई तेन्दुआ जीवित रहने के लिए. सांभर, भौंकने वाला मृग, जंगली सूअर, बंदर, खरगोश, तथा साप का भी शिकार करते है.

A) जंजीबार तेंदुआ– यह तेंदुआ मान्यता प्राप्त सूचि में नहीं मौजूद नहीं है. लेकिन रोचक जानकरी के हेतु. मैंने इसे इस सूचि में अलग से शुमार किया है. जंजीबार तेंदुआ एक अफ्रीकन तेंदुआ है.
इस तेंदुए की आबादी उन्गुजा द्वीपपर जंजीबार में पायी जाती है. यह उन्गुजा द्वीप का सबसे बडा मांसभक्षी है. २० शताब्दी के दरम्यान मनुष्य और जंजीबार तेंदुए के बिच. छिडे संघर्ष में जंजीबार तेंदुए लगभग लुप्त हो चुके थे.
जिस वजह से वन्यजीव शोधकर्ताओं ने एक निष्कर्ष दिया था. की जंजीबार तेंदुआ के आबादी की संभावना अब नहीं है. इसलिए इस तेंदुए को संरक्षण देकर. उसका विकास करनेका प्रयास. 1990 के मध्य में रोक दिया गया था.
लेकिन २०१८ में जंजीबार तेंदुए के अस्तित्व के प्रमाण फिरसे मिले. जिस वजह से जंजीबार तेंदुआ के संरक्षित करने की उम्मीद अभी बाकि है.
जंजीबार leopard के बारे स्थानिक निवासियों की मान्यता है. की यह तेंदुआ अपशकुन लाता है. इसका सीधा संबध चुड़ैल और काले जादू से होता है.
information about leopard in Hindi – पंपापर्ड – एक संकर प्रजाति की खोज.
पंपापर्ड – यह तेंदुए की एक संकर प्रजाति है. जो विज्ञान के एक प्रयोग का नतीजा है. 1959, जापान में हंसिन पार्क में एक प्रयोग किया गया था.
एक शेरनी और नर तेंदुए का एक पिंजरे में बंद कर के उनका मिलन करवाया गया था. जिसके फल स्वरूप उस शेरनी ने 1959 के नवंबर महीने में.
दो शावकों को जन्म दिया था. जिसमे से एक नर और दूसरी मादा थी. इस संकरित जाती को “लियोपोन” नाम से भी जाना जाता है.
भारत में तेंदुए की आबादी कितनी है? How much is leopard population in India?
२१ दिसंबर 2018 को Press Information Bureau Government of India की अधिकृत वेबसाइट पर पब्लिश हुए. एक आर्टिकल अनुसार केंदीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री.
श्री प्रकाश जावडेकरजी ने नई दिल्ली में हुए. एक सभा में तेंदुओं की विशेष रपोर्ट जारी की थी. उस रिपोर्ट अनुसार भारत में कुल तेंदुओं की 60 फीसदी से बढ़ी है. जो की एक सराहनीय बात है.
पिछली तेंदुओं की स्थिति की रिपोर्ट अनुसार 2014 में तेंदुओं की कुल आबादी 7,910 थी. जो की अब बढ़कर 12,852+ हो गई है. सबसे अधिक तेंदुओं की संख्या वाले राज्य कुछ इस प्रकार है.
मध्य प्रदेश में 3,421 तेंदुए, कर्नाटक में 1,783 तेंदुए, और महाराष्ट्र में 1,690 तेंदुए की गणना की गई है. मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर जी ने यह भी कहा है. हमारे भारत में बाघ को दिए जाने वाले खास संरक्षण का लाभ. तेंदुओं की आबादी को संरक्षित करने में भी हुआ है.
तेंदुए के बारे में रोचक व महत्वपूर्ण जानकरी – Important information about leopard in Hindi
1. सामन्य तौर पर तेंदुए रहने के लिए एसे स्थान चुनते है जहाँपर इन्हें शिकार के लिए बाघ और शेर जैसे बड़े प्रतिस्पर्धा का सामना ना करना पडे.
2. अबतक का सबसे बडा माना जाने वाला जंगली तेंदुआ 2016 में हिमाचल प्रदेश में मिला था.जिसका वजन लगभग 78.5 किलोग्राम (173 पाउंड) था.और कद में 261 सेंटीमीटर (8 फीट 7 इंच) नापा गया था.
3. भारत के जंगलो में १९०५ और १९६७ के बीच 9 पीले और सफेद रंग तेंदुए देखे जाने की भी सूचना मिली थी.
4. ऐसा माना जाता है की आधुनिक तेंदुए की प्रजाति का विकास अफ्रीका में हुआ था.
5. प्राचीन तेंदुए के जीवाश्म सबसे पहले डेटिंग प्लीस्ट प्लीस्टोसीन दक्षिण-मध्य में Biśnik की गुफा में पाए गए थे.
6. तेंदुआ एकांत प्रिय जानवर है, नर और मादा तेंदुआ सिर्फ संभोग के मौसम में सहयोगी होते हैं.
7. तेंदुए के शावक बडे होने बाद भी मादा तेंदुआ उनसे बातचीत जरी रखती है.
8. तेंदुआ शावक अपनी माँ को बुलाने के लिए. urr-urr एसी आवाज निकलते है.
9. तेंदुए विभिन्न प्रकार की ध्वनियां निकलते है, जैसे की ग्रोल्स, स्नारल्स, म्याऊ और पुर्स .
10. leopard अपने जीवन का अधिकांश समय दिनमे पेड़ों पर आराम करते हुए बिताते है और एक निशाचर जीव होने के कारण. रात्रि के समय में शिकार करते है.
11. तेंदुआ 50-60 किमी प्रति घंटा तक के रफ्तार से दौड़ने की क्षमता रखते है.
12. तेंदुआ 6 मीटर (20 फीट) से भी अधिक ऊँची छलांग मार सकते है.
13. तेंदुए को ज्यादा पानी की आवश्कता नहीं होती. यह शिकार के शरीर से प्राप्त होने वाले तरल पदार्थ सेवन करके, अधिक समय बिना पानी पिए रह सकते है.
यह भी पढ़े – lord Krishna Stories In Hindi
14. तेंदुआ एक जगह छुपकर घात लगाकर बैठता है और सब्र के साथ अपने शिकार के नजदीक आने का इंतजार करता है और अंत में शिकार जब उसकी अपेक्षा अनुसार पास आता है. तो वह उसे दबोच लेता है. तेंदुआ ज्यादातर शिकार की गर्दन पर वार करता है. और जब आकार में बडे जानवरों के शिकार की बात आती है. तो तेंदुआ शिकार के गले पर वार करके उसकी साँस रोक देता है. Information About Leopard In Hindi
15. अपने शिकार को मारने के बाद तेंदुआ उसे दुसरे परजीवी शिकारियों से बचाने के लिए. वह शिकार को लेकर तेंदुआ पेड़ की ऊँची शखाओ पर चढ़ जाता है.
16. बाघ और शेर के साथ-साथ नीला मगरमच्छ जैसे परभक्षी तेंदुए का शिकार करके उसका उपभोग करते है.
17. ग्रीक पौराणिक कथाओं में तेंदुए को भगवान का प्रतिक माना गया है.
18. तेंदुआ अपने शिकार का पीछा करके उसे पकड़ने से बेहतर उसे घात लगाकर,छुपकर पकड़ना पसंद करता है.
19. leopard अपने से अधिक ज्यादा वजन वाले मृत शिकार को मुह में दबाकर पेड़ पर चढ़ने में माहिर होता है.
20. तेंदुए विश्वकी 37 बिड़ाल (बिल्ली की जातीया) जातियों में सबसे सफल शिकारी रूप में प्रसिद्ध है.
21. काला तेंदुआ कोई अलग से प्रजाति नही है वह भी एक तेंदुए की ही उपप्रजाति है. उसमें अतिकृष्णता के प्रभव से उसकी त्वचा का रंग काला हो जाता है.
22. leopard एक अच्छा तैरख भी होता है.इसलिए वह मछलियों का भोजन करने में भी सक्षम होता है.
मेरी ब्लॉग पोस्ट information about leopard in Hindi पढने के लिए धन्यवाद. अगला आर्टिकल पढने स पहले. इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय कमेंट करके जरुर दे और इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे.
Thank you for reading my article information about leopard in Hindi. Please comment on this before moving to the next article. And do forget to share this with your loved one person
frequently asked questions about leopard- तेंदुए के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1)तेंदुआ कौन सा जानवर है?
A-तेंदुआ एक विडाल (बड़ी बिल्ली ) वंशीय प्राणी है. यह अपने ही वंश के चिता और जगुआर इन 2 प्राणियों से काफी मिलता जुलता दिखता है.
Q2)गुलदार कौन सा जानवर है?
A-भारत में तेंदुए को ही गुलदार नाम से जाना जाता है.
Q3)तेंदुआ की कितनी उम्र होती है?
A-जंगल में तेंदुए का जीवन काल १२ से १५ साल का होता है. लेकिन अगर तेंदुए को कीस चिड़ियाघर में रखा जाये तो वह २२ साल तक जीवित रह सकता है.
Q4)तेंदुआ कितने प्रकार के होते हैं?
A-अबतक तेंदुआ के कुल 9 प्रजातीय पाई गई है. जिनके नाम कुछ इस प्रकार है. 1)अफ़्रीकी तेन्दुआ, 2)भारतीय तेन्दुआ,3)जवन तेंदुआ,4)अरबी तेन्दुआ,5)फ़ारसी तेन्दुआ,6)अमूर तेन्दुआ,7)इंडोचिनी तेंदुआ,8)श्रीलंकाई तेन्दुआ,9)जंजीबार तेंदुआ
Q5)लेपर्ड(तेंदुआ) का वजन कितना होता है?
A- एक नर तेंदुए का वजन 30-70 किलोग्राम होता है. जबकि मादा तेंदुआ का वजन 28-60 किलोग्राम.होता है.
Q 6)तेंदुए का वैज्ञानिक नाम क्या है?
A- तेंदुआ का वैज्ञानिक नाम Panthera pardu है. जिसका उच्चारण “पैन्थेरा पार्डस” कर सकते है.
Q7) पैंथर और जगुआर में क्या अंतर है?
A- तेंदुआ का विज्ञानिक नाम पैंथर होता है. जैगुआर आकार में तेंदुआ से अधिक बडा होता है.लेकिन दिखने में दोनों एक जैसे ही दीखते है. पर गौर से देखने पर दोनों में भिन्नता दिखाई देती है. क्योंकि जगुआर की खोपड़ी की तेंदुए की तुलना में अधिक बड़ी होती है. जगुआर की खाल चमकीली पीले रंग की होती है. और इनकी खाल पर चिकत्तियों के बडे बडे गोल निशान होते है.यही निशान जगुआर को तेंदुए से भिन्न बनाते है. क्योंकि यह निशान तेंदुए के निशानसे अधिक बड़े,फैले हुए और कम संख्या में होते हैं.
Q 8) तेंदुआ शिकार कैसे करता है?
A- तेंदुआ एक रातमे शिकार करने वाला निसाचर प्राणी है. वह अपनी तय सीमा में मिलने वाले छोटे व शाकाहारी प्राणियों का शिकार करना पसंद करता है. जैसे खरगोश ,जंगली सूअर, हिरण, बंदर, बबून,इत्यादी.लेकिन तेंदुआ शिकार की तालश में मानव बस्ती के नजदीक भी जा सकते है.और तेंदुआ दुसरे परजीवी का भी शिकार कर सकता है.
Q 9)तेंदुआ की स्पीड कितनी होती है?
A-एक वयस्क तेंदुआ ५६ से ५८ कलोमीटर प्रतिघंटे की रफ़्तार से दौड़ सकता है.
Q 10)भारत में कितने तेंदुआ है?
A- 2014 में तेंदुओं की कुल आबादी 7,910 थी. जो की अब बढ़कर 12,852+ हो गई है.
Q 11) तेंदुए की लंबाई कितनी होती है?
A- तेंदुए की लम्बाई सिर से लेकर शरीर की लंबाई 100-196 सेंटीमीटर होती है. जिसमे 70-95 सेंटीमीटर की पूछ भी शामिल होती है.
Q 12) तेंदुआ 1 घंटे में कितने किलोमीटर दौड़ता है?
A- तेंदुआ 1 घंटे में औसतन ५८ कलोमीटर दौड सकता है.
Q 13) तेंदुआ का दूसरा नाम क्या है?
A भारत में तेंदुआ को गुलदार और बघेरा नाम से भी पहचाना जाता है.
14) तेंदुआ कितनी ऊंची छलांग मार सकता है?
A -एक तेंदुआ अपनी पूरी क्षमता के साथ औसतन २० से २१ फीट लंबी और १० फुट ऊंची छलांग लगा लेता है
हमारे ब्लॉग पर और भी लेख पढ़े
- संडे (Sunday )छुट्टी की शुरुवात कैसे और कब हुई?
- गुणवत्ता के सात बुनियादी उपकरण
- 70+Animals Name In Hindi And English
- What Is Artificial Intelligence In Hindi
- Rahim Das Ke Dohe In Hindi
- Breeds of dogs in Hindi
- दरियाई घोड़े की ५१ रोचक जानकारी
- गौरैया के बारे में 101 रोचक तथ्य
- नेवला की ३९ जबरदस्त जानकरियां
- 500+ पालतू कुत्तों के नाम यहां से चुनिए

नमस्कार दोस्तों मै हूँ संदीप पाटिल. मै इस ब्लॉग का संस्थापक और लेखक हूँ. मैने बाणिज्य विभाग से उपाधि ली है. मुझे नई नई चीजों के बारे में लिखना और उन्हें आप तक पहुँचाना बहुत पसंद है. हमारे इस ब्लॉग पर शेयर बाजार, मनोरंजक, शैक्षिक,अध्यात्मिक ,और जानकारीपूर्ण लेख प्रकशित किये जाते है. अगर आप चाहते हो की आपका भी कोई लेख इस ब्लॉग पर प्रकशित हो. तो आप उसे मुझे [email protected] इस email id पर भेज सकते है.