hoopoe bird in hindi

हुदहुद पक्षी के रोचक तथ्य एवं सम्पूर्ण जानकारी | Hoopoe bird in hindi | hud hud bird

1. हुदहुद पक्षी बडे आकार वाले शिकार को मारने के लिए. उसे उपर (आसमान) से जमीन पर पटकते है. और शिकार का अपचनीय हिस्सा जैसे पंख या पैर अलग करने हेतु. वे शिकार को पत्थर से भी पिटते है.

2. हुदहुद पक्षी धूप भी सेकते है. धूप सेकते वक्त यह अपनी चोंच को जमीन पर रखकर या चोंच की नोक आसमान की तरफ करके. पंख फैलाकर बैठते है. इसकी तस्वीर नीचे दी गई है.

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3. माउंट एवरेस्ट पर हुए एक अभियान में हुदहुद पक्षी को हिमालय में तकरीबन 21000 फिट की कमाल ऊंचाई पर उड़ते हुए देखा गया है.

4. यह पक्षी हर एक प्रजनन मौसम में अपने लिए एक नया साथी चुनते है.

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5. इलाके का स्वामित्व या अन्य कारणों से हुदहुद पक्षियों के बीच में होने वाली लढाई कभी-कभी घातक स्वरूप ले लेती है. इस लढाई में कई बार इनकी आंख भी फुट जाती है.

6. हुदहुद पक्षी की आवाज का स्वर कुछ “oop poo oop” की तरह होता है. इसलिए इसे अंग्रेजी भाषा में Hoopoe (हूपू) यह नाम दिया गया है.

7. शुरुआत में “hoopoe bird” की सिर्फ एक प्रजाति मानी जाती थी. बाद में इसको तीन प्रजातियों में विभाजित किया गया. जिनके नाम कुछ इस प्रकार है.

A. यूरेशियन हूपू

B. मेडागास्कर हूपू.

C. अफ्रीकी हूपू.

8. इन तीनों के आलावा ‘सेंट हेलेना हूपू’ नाम की चौथी प्रजाति को भी मान्यता दी गई थी. जो सेंट हेलेना द्वीप पर निवास करती थी. पर 16 वीं शताब्दी में वह विलुप्त हो गई.

9. Hudhud pakshi पानी के अलावा धुल और रेत से भी स्नान भी करते है.

10. क्या आप जानते है? हुदहुद पक्षी प्राचीन मिस्र में पवित्र पक्षी माना जाता था. वहां की कई कब्रों तथा मदिरों की दीवारों पर इनके चित्र आज भी मौजूद है.

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11. hud hud bird हमेशा छोटे प्रवेश द्वार वाले घोसलें को चुनना पसंद करते है. इससे परभक्षियों से बच्चे तथा अंडों को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है. इनके घोसलें की तस्वीर नीचे दी गई है.

hud hud bird

12. यह पक्षी भोजन की तलाश खुले घास के मैदानों में टहलते हुए करते है. कीड़ों की खोज में ये अपनी चोंच की पूरी लंबाई तक जमीन की जांच करते है. अगर चोंच से काम नहीं बनता है. तो हुदहुद पक्षी अपने पैरों से जमीन खोदते है.

13. Persia (ईरान) में प्राचीन समय में हुदहुद पक्षी को सदाचार का प्रतिक माना जाता था. द कॉन्फरन्स ऑफ द बर्ड्स की प्राचीन कविताओं में hoopoe bird को पक्षियों का राजा भी बताया गया है.

14. कई देशों की सांस्कृतिक लोक कथाओं में हुदहुद पक्षी की महत्वपूर्ण भूमिका बताई गई है. इसका उल्लेख मिस्र की चित्रलिपि, ग्रीक नाटक और चीनी ग्रंथों के साथ-साथ कई अन्य धार्मिक पुस्तकों में भी मिलता है.

15. पूर्व अफ्रीका के मेडागास्कर देश में पाए जाने वाले “मेडागास्कर हूपू” को hoopoe bird की उपजाति माना गया है. लेकिन कई बार कुछ जीववैज्ञानिक इसे अलग जाति बताते है.

16. hudhud pakshi के सिर पर मुर्गे जैसी कलगी भी होती है. यह पक्षी जब उत्तेजित अवस्था में होता है. तब यह कलगी खुलती है.

17. पूर्व-इस्लामिक वैनाख धर्म में इस पक्षी का बहुत अधिक महत्व था. क्योंकि यह पक्षी देवी तुशोली (goddess Tusholi ) के लिए पवित्र था. हुदहुद पक्षी को तुशोली की मुर्गी के रूप में जाना जाता था. इसलिए देवी के महायाजक(पुजारी) की अनुमति के बिना इसका शिकार वर्जित था. अनुमति से ही हूपू का शिकार केवल औषधि बनाने के लिए किया जाता था.

18. साल 2008 के मई महीने में इजराइल की 60 वीं वर्षगांठ के अवसर पर हूपू अर्थात हुदहुद पक्षी को इजराइल का राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया था.

19. hudhud pakshi के घोसलें के नजदीक जाते ही बेहद खराब दुर्गंध आती है. क्योंकी यह पक्षी अपने घोसलें को साफ नहीं रखते. यह अपने मल को हटाने में असमर्थ होते है.

20. धरतीपर इस पक्षी का अस्तित्व काफी प्राचीन काल से रहा है. इसका उल्लेख कुरान शरीफ में भी मौजूद है. हुदहुद नामका मूल अर्थ है “छुपी हुई बातों को जानने वाला”.

21. इसे बादशाह हजरत सुलेमान की जासूसी चिड़िया भी कहा जाता है. क्योंकि यह बादशाह के आदेश पर काम करता था.

हुदहुद पक्षी का घोंसला प्रजनन, अंडे एवं बच्चे | hoopoe bird in hindi

निवास के लिए हुदहुद पक्षी खुले और छोटी घास वाले मैदानी इलाका पसंद करता है. घोंसला बनाने के लिए यह पेड़ों के कोटर, चट्टान, दीवारों के खांचे, कृत्रिम घोसलों के डिब्बे, घास का ढेर और कठफोड़वा जैसे अन्य पक्षियों द्वरा छोड़े गए घोसलों का भी इस्तेमाल करता है.

hud hud bird का प्रजनन काल स्थान के हिसाब से अलग – अलग होता है. जो कुछ इस प्रकार है

यूरोप, हिमालय की तलहटी के उत्तर में एशिया, उत्तरी अफ्रीका और अरब प्रायद्वीप के उत्तरी और मध्य भागों में जनवरी से अगस्त.

पूर्वी अफ्रीका में अगस्त से जनवरी.

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और दक्षिण अफ्रीका में जुलाई से दिसंबर तक.

मादा हुदहुद पक्षी अकेले ही अंडों को सेती है. इस विशेष काल में नर मादा के भोजन और सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंधन करता है.

इनके घोसलों में अंडों की संख्या भी स्थान पर निर्भर करती है. अर्थात उत्तरी गोलार्ध निवासी हुदहुद पक्षी दक्षिणी गोलार्ध के हूपू की तुलना में अधिक अंडे देते हैं. इसी प्रकार उच्च अक्षांशों के हुदहुद पक्षी भूमध्य रेखा के करीब रहनेवालों की तुलना में अधिक अंडे देते है.

Hoopoe bird के अंडो की संख्या के बारे में बात करें. तो मध्य, उत्तरी यूरोप और एशिया में रहनेवाले hudhud pakshi लगभग १२ अंडे देते है.

उष्णकटिबंधीय स्थान के निवासी हूपू लगभग 4 और उपोष्णकटिबंधीय स्थान के निवासी लगभग 7 अंडे देते है.

हुदहुद पक्षी के अंडे का रंग “दूधिया नीला” होता है. इसका वजन तकरीबन 4.5 ग्राम होता है.

अंडो को सेने वाली मादा हुदहुद पक्षी की  यूरोपीगियल ग्रंथि (uropygial gland) से एक अतिशय दुर्गंधयुक्त तरल का स्राव होता है. जिसकी गंध सडे हुए मांस की तरह होती है. इसका इस्तेमाल घोंसले की सुरक्षा के लिए किया जाता है. इस दुर्गंधयुक्त तरल को मादा अपने मलद्वार से अंडे एवं बच्चों को चुराने (खाने) वाले परभक्षियों के ऊपर छिडकती है. इस तरल पदार्थ की गंध असहनीय होती है. इसी वजह से परभक्षी घोसलें से दूर रहेते है. हुदहुद पक्षी के नवजात चूजों की ग्रंथि से भी इस दुर्गंधयुक्त तरल का स्त्राव होता है. जिससे वे खुद भी अपनी रक्षा कर सकते है.  लेकिन कई बार इसी गंध की वजह से मानव शिकारी हुदहुद पक्षी को ढूंड भी सकते है. चूजों के घोंसला छोड़ने से पहले यह स्राव बंद हो जाता है.

मादा hoopoe पहला अंडा देते ही उसे सेना (ऊष्मायन) करना शुर कर देती है. और लगभग 15 से 18 दिनों में अंडों में से चूजे बाहर आते है.

3 से 5 दिनों में हूपू चूजों के पंख निकल आते है.

लगभग 26 से 29 दिनों तक नर और मादा अपने बच्चों की देख भाल करते है. और आगे लगभग 1 हप्ता माता पिता के साथ रहने के बाद चूजे घोंसला छोड़ देते है.

हुदहुद पक्षी की शरीर रचना | hud hud bird

  • हुदहुद पक्षी का रंग बादामी होता है. और इसके पंखो पर सफेद और काले रंग की धारियां होती है. सिर पर मुकुट की तरह कलगी होती है. जो इस पक्षी को और अधिक खुबसुरत बनती है.
  • इसकी आयु तकरीबन १० साल तक हो सकती है.
  • इसका वजन 46 – 89 g होता है.
  • हुदहुद पक्षी (Hoopoe Bird) की लंबाई तकरीबन 30 सेंटीमीटर होती है.
  • इसकी चोंच का रंग काला होता है और यह लंबी तथा मुडी हुई होती है.
  • hudhud pakshi के पंखो का फैलाव तकरीबन 44cm – 48cm होता है.

हुदहुद पक्षी क्या खाता है | hoopoe bird in hindi

Hoopoe bird के आहार में मुख्यता कीड़े, छोटे सरीसृप, मेंढक, घोंघे, झींगुर, टिड्डियां, चींटियां, भृंग, व अदि छोटे जीव होते है. लेकिन कभी-कभी यह बीज एवं फल भी खाना पसंद करते है. इसलिए इन्हें सर्वाहारी (omnivorous) कहा जाता है. इनके शिकार का आकार 10 से 150 मिलीमीटर लंबाई जीतना भी हो सकता है.

कठफोड़वा और hudhud pakshi में अंतर

कई बार कठफोड़वा और हूपू (hoopoe) को एक ही पक्षी माना जाता है. हालाँकि, ऐसा नहीं है, क्योंकि कठफोड़वा पिसीफोर्म्स गण से है और हूपू बुसेरोटिफोर्म्स गण का हिस्सा है. कठफोड़वा के सिर पर लाल रंग की कलगी होती है जब कि हुदहुद पक्षी के सिर पर काले और बादामी रंग की होती है. जिससे इन दोनों में आसानी से भेद किया जा सकता है. दोनों की तस्वीर निचे दी गई है.

hudhud pakshi

हुदहुद पक्षी प्रजातियों के वैज्ञानिक नाम व निवास स्थान | hud hud bird

इसकी तीन प्रजातियां निम्नलिखित है

नाम – अफ्रीकी हूपू (African hoopoe)
वैज्ञानिक नाम – Upupa Africana
निवास स्थान – South Africa, Lesotho, Eswatini, Namibia, Botswana, Zimbabwe, Mozambique, Angola, Zambia, Malawi, Tanzania, Saudi Arabia and the southern half of the Democratic Republic of the Congo

नाम – यूरेशियन हूपू (Eurasian hoopoe)
वैज्ञानिक नाम – Upupa epops
निवास स्थान – Europe, Asia, and North Africa and northern Sub-Saharan Africa.

नाम – मेडागास्कर हूपू (Madagascar hoopoe)
वैज्ञानिक नाम – Upupa marginata
निवास स्थान – मेडागास्कर

हुदहुद पक्षी की अन्य जानकारी | hoopoe bird in hindi

हुदहुद (हूपू) पक्षी धरतीपर मौजूद उपुपिडाए नामक जीववैज्ञानिक कुल की एकमात्र जीवित जाती है. खेतों में इस्तेमाल होने वाले कीटनाशक एवं शिकारियों की वजह से दक्षिण यूरोप और एशिया में कुछ हद तक hud hud bird की तादाद घट रही है. नर हुदहुद पक्षी अपने इलाकें की घोषणा करने के लिए. जोर-जोर से आवाजे निकलते है.

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