Bhatakti Aatma Ki Kahani

शापित प्रेत आत्मा Bhatakti Aatma Ki Kahani

Bhatakti Aatma Ki Kahani : यह कहानी एक रूह की है. जो एक बंगले मै कैद है. वह अपनी आखरी इछा व अधूरे काम पुरे करने के लिए, उस बंगले से मुक्त होंना चाहती है. लेकिन एक अनोखी तांत्रिक शक्ति की वजह से वह रूह बंगले से आजाद नहीं हो पा रही है. अब वह रूह किसकी है? उसकी आखरी इछा क्या है? और वह उस बंगले से कैसे आजाद होगी. ये सब जानने के लिए पढ़े शापित प्रेत आत्मा की अनसुनी कहानी.  Bhatakti Aatma Ki Kahani.

शापित प्रेत आत्मा Bhatakti Aatma Ki Kahani

Bhatakti Aatma Ki Kahani

अमन एक सपना लेकर मुंबई आया था. तभी वह 24 साल का था. उसे मूवी डायरेक्टर बनान था. इसके लिए अमन ने विदेशी फ़िल्म अकैडमी से डिग्री भी हासिल की थी. उसके पिताजी का कपडे एवं  केमिकल का बिजनेस था. वह उससे बहुत प्यार करते थे.

इसीलिए बेटे के हर एक सपने की कदर करते थे. पिताजी ने अपनी सहमति जताते हुए ही उसे मुंबई भेजा था. अमन के लिया उन्होंने  गोरेगांव में एक पुराना बंगाल रेंट पर लिया. वह ये बात अच्छी तरह से जानते थे, की अमन जिस भी बात को मनमें ठान लेता है. उसे पूरा करके ही मानता है.

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अमन जब पहली बार मुंबई आया तब एक कैब वाले ने उसे रेंट पर लिए हुए बंगले पर ड्रॉप किया, तभी पहली बार अमन ने उस बंगले का नाम और खासीयत सुनी और वह सुनते ही ठहाके मारकर हसने लगा. टैक्सी वाले ने कहा कि यहाँ के लोग इस बंगले को सतरंगी बंगला या “भूत बंगला” के नाम से पहचानते है.

क्योंकि कभी-कभी रात के वक्त बंगले की खिड़कियों के हर एक कांच पर  इंद्रधनुष की तरह 7  रंग चमकते दीखते हे और एक सफेद ड्रेस पहनी एक लड़की छत पर टहलती हुई दिखती है. अमन ने कैब वाले को दुसरे दिन 11 बजे आने के लिए कह दिया. और अडवांस किराया भी दिया. बाद में कैब वाले ने जो कुछ भी कहा उसे अनसुना करके उसने बंगले में प्रवेश किया.

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सभी सामान को सेट करने के बाद वह फ्रेश होने के लिए बाथरूम में गया. अमन जब बाथरूम में आईने के सामने अपना चेहरा साफ कर रहा था. तब उसे ऐसा लगा कि उसके कान में धीरे से किसी ने कुछ कहा हो. पर उसने उस आवाज को तवज्जो नहीं दी. उसे लगा कि लंबी रेल यात्रा करने से उसे ऐसे आभास हो रहे होंगे.

फ्रेश होकर उसने थर्मस में लाई हुई कॉफी पिली और हाउसकीपिंग वर्क एजेंसी को कॉल किया. क्योंकि उसे घर के काम के लिए  नोकर चाहिए था. हाउसकीपिंग एजेंट बोला कि कोई भी स्थानिक व्यक्ति आपके बंगले में काम करने के लिय राजी नहीं है.

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स्थानिक लोगों का मानना है कि उस घर में एक लड़की की आत्मा रहती है. bhatakti aatma ki kahani अमन बोला कि अगर स्थानिक लोगों में से कोई तैयार नहीं है, तो फिर शहर के बाहर से बुलाव. पर कुछ भी करके एक नोकर की व्यवस्था करो. इस के लिए एजेंट ने अमन से 2 दिनों का समय मांगा और फोन रखदिया. रेल यात्रा से थके हुए,

अमन का निडर स्वाभाव

अमन ने साथ लाए हुए सैंडविच खाए और सोफे पर ही लेट गया. लेकिन उस नई जगह पर उसे नींद नहीं आ रही थी. फिर उसने सोचा कि क्यों ना छत पर थोडी देर टहल कर ताजी हवा का मजा लिया जाए. ऐसा सोचकर वह छत की तरफ निकल पड़ा. छत की तरफ जाते वक्त अमन को खुद के कदमों के साथ-साथ किसी और के कदमों की आहट भी सुनाई दे रही थी.

अब अमन को महसूस होने लगा कि बंगले में वह अकेला नहीं है. अमन बचपन से ही निडर व  ईश्वर पर पक्की आस्था रखने वाला लड़का था. इसलिए वह आज तक कोई भी काम अधुरा छोड़कर नहीं भगा था.

इसबार भी उसने अपने मन को पक्का करलिया और छत की और बढ़ता रहा. वहा पहुँचने के बाद उसने माता पिता को एक फोन करके अपनी खुशहाली की खबर दे दी और छत पर खडे रहकर आस पास की जगह देखने लगा. उस वक्त भी अमन को महसूस हो रहा था की कोई तो उसके पीछे खड़ा है. bhatakti aatma ki kahani.

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उसने धिरे से पीछे मुडकर देखा. लेकिन वहां पर कोई नहीं था. कुछ देर टहलने के बाद अमन बेड रूम में जा कर निद्रासन में लींन हो गया. मध्य रात्रि के बाद निंद मे ही उसे किसी लड़की के रोने की आवाज आ रही थी. वह आवाज ठीक उसके बेड के नजदीक से ही आ रही थी.

लेकिन नींद और थकावट की वजह से वह रजाई में ही दुबका रहा. दुसरे दिन सुबह कैब वाले ने उसे 10: ३० बजे कॉल किया और कहा सर आप ने मुझे 11 बजे पिक करने के लिया कहा था. क्या आप तैयार है? अमन ने घडी देखकर कहा तुम आजाव मैं फटा फट तैयार हो जाता हूँ.

अमन वक्त का पाबंद था. उसे 12 बजे तक मुंबई में एक डायरेक्टर के ऑफिस पहुचना ना था. इसलिए जल्दी-जल्दी से तैयार होने में जुट गया. तैयार होते वक्त उसके दिमाग में कल श्याम से हो रही सारी घटनाएँ एक-एक करके आ रही थी. ठीक 11 बजे वह कैब वाले से मिला.

वह उसे को आश्चर्य भरी नजरों से देख रहा था. कैब वाले ने अमन से पूछा भी, साहब जी  क्या आपको रात को ठीक से नींद आयी? अमन बोला बहुत बढ़िया नींद आयी. डायरेक्टर से मिलने के बाद वह अमन की पर्सनालिटी से काफी इम्प्रेस हुआ और उसे अपना असिस्टेंट डायरेक्टर नियुक्त कर दिया. पहले ही दीन मिलने वाली सफलता  से अमन काफी खुश हुआ.

भूत का अजीब दोस्तना स्वभाव

रात का खाना खा कर जब वह घर पंहुचा. तो घर के अंदर का नजारा देख हैरान हुआ. जल्द बजी में वह जैसा घर छोडकर गया था. वह वैसा नहीं था. घर बहुत ही  साफ सुथरा थी. बाथरूम में रखे हुए गंदे कपडे भी किसीने धोकर  बालकनी में सुखाने के लिए रखे थे. चाय के बर्तन और कप भी धुले हुए थे और भी बहुत-से काम जिसे अमन ऑफिस से आने के बाद पूरा करने वाला था. वह सब किसीने पहले से पुरे कर दिए थे.

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यह सब देखकर उसे बहुत ही अजीब महसूस हो रहा था| वह सोफे पर बैठकर सोचने लगा की यहाँ जो कोई भी अमानवीय शक्ति है. उसका बर्ताव शायद दोस्ताना है. जो उस शक्ति ने  साबित भी कर दिया है. इसके बारे में सोचते हुए अमन सोने चला गया. लेकिन उसे नींद नहीं आ रही थी फिर भी वह आँख बंद करके लेटा रहा. मध्य रात्रि के समय अमन को अचानक से बेडरूम में किसी के होने का एहसास हुआ.

रूह से की बात चित

और फिर वही रोने की आवाज आने लगी वह बिस्तर में हे उठकर बैठा और अपने आसपास नजर घुमाई और हिमत करके पूछा आप क्यों रो रही हो? और कहा मुझे यह तो पता चला कि आप किसी को नुकसान पहुंचाने वालों में से नहीं है. कोण है आप? उस रोने की आवाज में एकदम से ब्रेक लगा और फिर वह बोली की मैं एक पीड़ित आत्मा हु. bhatakti aatma ki kahani

जिससे कोई हमदर्दी नहीं रखना चाहता और जो बीस साल से इसी बंगले में कैद है. जो भी इंसान इस बंगले में आता है. आधी रात से ज्यादा टिक नहीं पाता. तुम पहले इंसान हो जो यहाँ डट कर रुका है. वर्ना हर कोई मेरी फरियाद सुने बिना ही भाग जाता है. अमन उस आत्मा की बात गौर से सुन रहा था.

आत्मा की बात खत्म होने के बाद वह बोला. इसबारे में आप मुझ से बात कर सकती है. मैं आपकी मदद जरूर करूंगा. अगर ईश्वर ने चाहा तो सब ठीक होगा. मेरा नाम अमन है. आपका नाम क्या है? आत्मा ने जवाब दिया मेरा नाम छाया है. अमन बोला तो छाया तुम्हारी इस हालत के लिया कौन जिम्मेदार है और इस घर में तुम कैसे कैद हो गई.

उस रूह की सच्ची कहानी

आत्मा तो कही भी आ जा सकती है ना. उसने कहा तुम ठीक कह रहे हो अमन. पर मेरी इस हालत के लिए जिम्मेदार. और कोई नहीं बल्कि मेरा पति है. उसने ही मेरी आत्मा को इस bhatakti aatma ki kahani घर में हमेशा के लिये, कैद कर दिया है. मरते वक्त मैंने भगवान को साक्षी मानकर यह कसम खाई थी. की मैं मरने के बाद भी उससे बदला लेकर रहूंगी.

अमन ने पूछा पर ये सब हुआ कैसे. फिर छाया ने अपने कहानी बताई. वह बोली इस बंगले का मालिक एक फिल्म प्रोडूसर है. मेरी और उसकी मुलाकात एक नेता कि बर्थडे पार्टी में हुई थी. और धिरे-धिरे उसने मुझे अपने प्यार के माया जाल में फसाकर मुझसे शादी कर ली. मैं उसके प्यार में इतनी अंधी हो गई थी की मैंने अपने माँ बाप को भी छोड़ दिया.

उस रूह का कैद होने का राज Bhatakti Aatma Ki Kahani

इतना कह के वह फिर से रोने लगी और बोली उसने मुझे जहर देके तडपा-तडपा कर मारा. फिर एक बंगाली तांत्रिक की मदत से मेरी लाश इसी बंगले के गार्डन में कही दफना दी. और मेरी लाश को सातरंगो की पट्टियों के जादू से बाँध दिया. इसी वजह से मैं इस बंगले में कैद हो गई. मैं जब भी यंहा से निकले की कोशिस करती हु.

वो सात रंगों का जादू मुझे रोक देता है. तुम्हे मेरी लाश ढूंड कर सारी पट्टीयाँ निकाल के जलानी होगी. तभी मैं यहां से बाहर निकल कर अपना बदला पूरा कर सकती हूँ. जिससे मुझे मुक्ति मिलेगी. अमन बोला ठीके है छाया, मैं ये तुम्हारी मदत जरूर करूँगा पर मुझे थोडा वक्त दो.

वह बोली यह काम तुम्हे छुपकर करना होगा. क्योंकि उस शैतान के यहाँ बहुत से खबरी और दोस्त है. अमन ने कहा ठीक है. उसके बाद अमन सो गया और छाया भी खामोश  हो गई. bhatakti aatma ki kahani सुबह जब अमन उठा तब उसके बगल में गर्म कॉफ़ी का मग था अब अमन ये तो पता था कि कॉफी किसने बनाई थी.

रूह की मुक्ति के लिए प्रयास

कॉफी पिने के बाद उसने सबह के नित्यकर्म निपटा लिये और गार्डन में टहलने चला गया. वह ये सोचते हुए गौर से निरिक्षण कर रहा था. कि तांत्रिक और बंगले के मालिक ने छाया कि लाश कहा छुपाई हो सकती है. अमन ने पूरे गार्डन का 2 बार चक्कर लगाया पर कोई अलग या निशान वाली जगह उसकी नजर में नहीं आयी.

बाद में वह नहाने चला गया. नहाने के बाद उसके लिये टेबल पर नाश्ता भी तैयार था. उसने कहा थैंक यू छाया. छाया बोली कोई बात नहीं मैं तुम्हारे लिया इतना तो कर ही सकती हु. इनसब में 3 दिन गुजर गए पर उसे वो जगह मिल नहीं रही थी. 4 थे दिन सुबह अमन गार्डन में टहल रहा था.

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लाश की खोज में सफलता

तभी उसका ध्यान एक जगह ने आकर्षित कर लिया. जो कि ठीक बंगले के पीछे थी. पूरे गार्डन के फूल मुरझाए हुए थे. मगर उसी जगह के फूल वैसे के वैसे ही थे. अमन ने वहां पर जा कर ठीक से देख. तो वह फूल किसी अलग ही जाती के थे. वो मुरझाते नहीं थे और वहाँ कि मिटटी थोडीसी काले रंग की थी. वह समज गया कि छाया कि लाश यही पर है.

उसके बाद अमन अपने काम निपटाकर ऑफिस चला गया. श्याम ऑफिस से घर आते वक्त बगीचे के लिऐ कुछ प्लांटस और खुदाई का सामान लेकर आया. रात के समय ठीक 1: 30 बजे उसने छाया को आवाज़ दी और कहा कि तुम्हारी कैद आज खत्म होगी. छाया ने पूछा कहा है वह जगह? अमन बोला बंगले के ठीक पीछे है. bhatakti aatma ki kahani

अमन खुदाई का सामान लेकर बाहर निकल गया. किस्मत से पडोस के बंगले वाले लोग किसी अवार्ड फंक्शन में गए थे. इसलिय खुदाई में दिकत नहीं हुई. खुदाई करते-करते उसे छाया कि लाश दिखाई दी. जो 7 रंगो की पट्टियों में लिपटी हुई थी. जब अमन सभी पट्टियाँ चाकू से काटकर अलग-अलग कर रहा था. तभी उसे यह देखकर ताज्जुब हुआ की छाया कि लाश अभी तक वैसी की वैसी ही थी.

तांत्रिक का मायाजाल टुटा  

अमन ने समय बर्बाद ना करते हुए. एक स्टील बॉक्स में सभी पट्टियाँ डालकर जला दी. पट्टियाँ जैसे-जैसे जल रही थी. वैसे-वैसे लाश भी जल रही थी. पट्टियाँ पूरी तरह नष्ट होने के बाद उसने लाश कि तरफ देखा. तब लाश भी राख बनकर उड़ चुकी थी. उसी जगह अमन ने दुसरे फूलों के प्लांट्स लगा दिये और घर के अन्दर चला गया. जब उसने छाया को आवाज दी तब उसका कोई प्रतिउत्तर नहीं मिला.

कुछ देर इंतजार करने के बाद वह सो गया. सुबह जब अमन की आँख खुली तब उसने टेबल की तरफ देखा. तो टेबल पर चाय का कप नहीं था. फिर रोज की तरह वह ऑफिस चला गया और श्याम को जब वह घर वापस लौटा. तब मेज पर गर्म कॉफी का मग उसका इंतजार कर रहा था. वह देख उसके चहरे पर मुस्कान आयी अमन ने खुशी से छाया को आवाज लगाई.

कहानी का अंत Bhatakti Aatma Ki Kahani

इस बार छाया उसके असली रूप में अमन के सामने आयी. और अमन को धन्यवाद किया. कहा कि उसने अपना बदला पूरा कर लिया है. आज पूर्णिमा की रात उसे मुक्ति मिलेगी. फिर अमन ने एक ठंडी हवा का झोंका महसूस किया और छाया 7 रंगों के जादू से हमेशा के लिये आजाद हो गई और अमन के कान में उसने आखरी शब्द कहे ईश्वर तुम्हारे सपने पूरे करेगा.

तो दोस्तों आपको यह कहानी कैसी लगी ये कमेंट बॉक्स में जरुर बताये.और मेरी लिखी हुई और कुछ सच्ची  Hindi Bhoot Ki Kahani जरुर पढ़े. निचे लिंक दे रहा हूँ.

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