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चकोर पक्षी के बारे में रोचक तथ्य एवं सम्पूर्ण जानकारी | Chakor bird

चकोर पक्षी को अत्यधिक प्रसिद्धी साहित्य लेखन कि वजह से प्राप्त हुई है. इस पक्षी के बारे में बहुत से लेखकों ने कहानियां और    कविताओं में लिखा हुआ है. एवं इसका उल्लेख प्राचीन ग्रंथो में भी मौजूद है.

चकोर पक्षी बारे में २ लोक मान्यताएं काफी प्रचलित है. कहा जाता है की यह पक्षी चंद्रमा (चंद्र ग्रह) से एक तरफा प्रेम करता है. इसलिए यह पूरी रात चंद्रमा को देखते हुए रोता रहता है. और अग्निस्फुलिंगों (चिंगारी) को चांद के टुकडे समझकर चुनता रहता है.

लेकिन सच तो यह है की ये दोनों भी सिर्फ मिथक है. इस बारे में कवियों ने सिर्फ कल्पना की है. असल में चकोर के आहार में कीट पतंग भी शामिल है. इसी कारण वह चंद्रमा की रोशनी में सिर्फ कीट भक्षण करने हेतू सक्रीय रहता है.

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और रात में चमकने वाले जुगनू व आदि कीड़े चकोर का आहार बनते है. इसमें चमकने वाले जुगनू की तुलना चाँद के टुकड़ों एवं चिंगारियों से की हुई है. यह थी इस पक्षी के बारे में सबसे ज्यादा पूछी जाने वाली जानकारी.

आगे इस लेख में हम चकोर पक्षी की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने वाले है. जिसमे हम chakor bird के रोचक तथ्य, यह कौन-कौन से देशों में पाया जाता है और इसकी उप प्रजातियों के नामों के साथ अन्य जानकारी शमिल है.

पक्षी का नाम चकोर
वैज्ञानिक नाम अलॅक्टोरिस चुकर
कुलफ़ॅसिअनिडी
मूल वंशअलॅक्टोरिस
आहार सर्वाहारी
संरक्षण स्थितिसंकटमुक्त जाति
जीवनकाल 3 से ५ साल

चकोर पक्षी के बारे में रोचक तथ्य | Chakor bird

1. चकोर पक्षी एशिया महाद्वीप का मूल निवासी है. लेकिन मनुष्यों ने इसका कई सारे देशों में देशांतर गमन (migration) भी किया गया है. अर्थात इसे एक्सपोर्ट किया गया है. इस संदर्भ अधिक जानकारी आगे हम देखने वाले है.

2. इस पक्षी की पूंछ में तकरीबन १४ पंख होते है. जिसमे से तीसरा सबसे लंबा होता है. जब कि पहला, पांचवा और छठा एक सामान दीखते है.

3. Chakor bird व्याकुल तथा उद्विग्न अवस्था में उडने के बजाय दौड़ता है. परंतु जरूरत पड़ने पर यह कम दूर तक उड भी सकता है.

4. गर्मी का मौसम चकोर पक्षियों का प्रजनन काल होता है. इस विशेष समय में ये काफी आक्रामक नजर आते है.

5. दुनियाभर में अब तक चकोर पक्षी की कुल १४ उप प्रजातियाँ पायी गई है. जिनके नाम व आवास क्षत्रों की जानकारी भी हम आगे देखनेवाले है.

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6. Chakor pakshi कोई प्रवासी पक्षी (migrant bird ) नहीं है. लेकिन गर्मियों में ये पानी की तलाश में कुछ दूरी तक स्थानांतरण कर सकते है.

7. गर्मि के दिनों यह अपनी प्यास को नियंत्रण में रखने के लिए, रसीली व हरी वनस्पति खाता है.

8. एक वयस्क चकोर पक्षी के आहार में  तकरीबन 15 % मांसाहार शामिल होता है.

9. ये पक्षी शिकारियों से बचने के लिए. एक ही घोंसले में बहुत ज्यादा भीड़ में रहते है. और आस-पास नजर रखने के लिए. सभी पक्षी अपने सिर घोसलें से बाहर निकालकर बैठते है.

10. Chakor bird का मिजाज एवं आदतें काफी हद्द तक तीतर पक्षी समान होती है.

11. ये पक्षी अधिकतर १०  से ५० के गिरोह में भोजन करते अर्थात चुगते हुए नजर आते है. लेकिन जब प्रजनन का मौसम आता है उस वक्त इन्हें जोड़ों में देखा जा सकता है.

12. इस पक्षी प्रजाति में नर और मादा दोनों लगभग एक जैसे ही दीखते है. लेकिन तुलना करते समय गौर से देखा जाए. तो मादा chakor का आकार नर से थोड़ा छोटा होता है. और नर के मुकाबले मादा कुछ हद तक सुस्त भी होती है.

13. चकोर पक्षी को इसका नाम अपनी आवाज की वजह से मिला है. जिसका उच्चारण कुछ इस तरह होता है ->>> chuck-chuck- chukar-chukar.

14. इसको शोर करने वाला पक्षी भी कहा जाता है. यह सुबह शाम जोर-जोर से आवाजे निकल के शोर मचाते है.

15. कैद में रखे जाने वाले chakor pakshi माइकोप्लाज्मा संक्रमण या एरिसिपेलस जैसी अन्य बीमारियों के कारण मर सकते है.

चकोर पक्षी की उप प्रजातियां | chakor bird subspecies

Chakor bird की उप प्रजातियां एवं आवास क्षेत्रों की सूची

नाम कहाँ पाया जाता है
ए. सी. चुकरपूर्वी अफगानिस्तान से पूर्वी नेपाल
ए. सी. सिप्रिओटिसदक्षिणपूर्वी बुल्गारिया से दक्षिणी सीरिया, क्रेते, रोड्स और साइप्रस
ए. सी. जंगॅरिकाउत्तर पश्चिमी मंगोलिया से रूसी अल्ताई और पूर्वी तिब्बत
ए. सी. फ़ल्कीउत्तर मध्य अफगानिस्तान से पामीर पर्वत और पश्चिमी चीन तक
ए. सी. क्लाइनीN.A
ए. सी. कोरोविआकोवीपूर्वी ईरान से पाकिस्तान तक
ए. सी. कुरदेस्तानिकाकाकेशस पर्वत से ईरान तक
ए. सी. पॅलसॅन्सपूर्वोत्तर अफगानिस्तान से लद्दाख और पश्चिमी तिब्बत
ए. सी. पॅलिडाउत्तर पश्चिमी चीन
ए. सी. पॉटानिनिपश्चिमी मंगोलिया
ए. सी. प्यूबसॅन्सभीतरी मंगोलिया से उत्तर पश्चिमी सिचुआन और पूर्वी किंघाई
ए. सी. सिनइकाउत्तरी सीरियाई रेगिस्तान से सिनाई प्रायद्वीप तक
ए. सी. सबपॅलिडातजाकिस्तान
ए. सी. वरीपूर्वी इराक और दक्षिण पश्चिमी ईरान

चकोर पक्षी कैसा दिखता है.

इस प्रजाति में नर और मादा दोनों एक समाना ही दीखते है. नर चकोर का वजन करीब-करीब ७०० ग्राम और मादा चकोर का वजन तकरीबन ६०० ग्राम तक हो सकता है. इसकी पीठ हल्के भूरे रंग की होती है. पेट हल्के भूरे पीले रंग का होता है.

इनके पंखो पर लाल से भूरे रंग की व काली धारियाँ होती हैं. Chakor pakshi की चोचं, पैर तथा आँखों की पलके लाल रंग होती है. चकोर की दोनों आंखे एवं चोंच के नजदीक से होते हुए.

काले रंग की रेशाएं गले से होकर. सीने पर जाकर मिलती है. जो chakor bird को और भी खूबसूरत बनाती है. इसकी एक तस्वीर नीचे दी गई है.

chakor pakshi

चकोर पक्षी का घोंसला, प्रजनन और बच्चे

Chakor bird अपना घर बनाने हेतु. मैदानी इलाकों के बजाय पहाड़ियों की ढलान, घाटियों एवं चट्टानों वाले क्षेत्र चुनना अधिक पसंद करते है. इनके घोसलें रेगिस्तान की झाड़ियों में भी पाये जाते है. असहनीय धूप व गर्मी से बचने के लिए. ये झाड़ियों के भीतर छुपकर रहते है.

ये पक्षी सर्दियों के मौसम में रहने के लिए. गुफा जैसी बंद व गर्म जगह की खोज करते है.

चकोर पक्षी ज्यादातर प्रजनन के मौसम में ही जोड़ों में दिखाई देते है. अन्य मौसम में ये समूह (coveys) में विचरण करते है.

चकोर पक्षियों का प्रजनन काल गर्मियों का मौसम होता है. ये पक्षी जीवन भर के लिए. एकही बार जोड़ा बनाते है. प्रजनन के मौसम में चकोर पक्षी मादा को रिझाने के लिए.

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एक विशेष प्रकार की क्रिया करता है. जिसमे यह किसी भी मादा के समक्ष खाने की कोई चीज रखकर. उस पर चोंच मारने का अभिनय करता है (खाता नहीं). वह देखकर अगर मादा भी उसके साथ मिलकर खाने लगती है.

तो उन दोनों का जोड़ा बन सकता है. इसके आगे नर गर्दन फुलाकर और अपने पंख नीचे करके. प्रजनन हेतु मादा के पीछे दौड़ता है. अतं में स्वीकृति जताते हुए मादा अपना सिर झुकाती है और वे दोनों प्रजनन करते है.

प्रजनन के बाद मादा 7 से 14 अंडे देती है. ये संख्या अधिक भी हो सकती है. मादा के अंडो को सेने के बाद 23 से 25 दिनों में उनमें से चूजे बाहर आते है.

Chakor pakshi के बच्चे 7 से १० दिनों में उड़ना सीखते है. पहली बार उडान भरने के लिए. बच्चे पैरों का सहारा लेते है. ये पंख फडफडाते हुए. तेजी से दौड़ लगाकर उड़न भरना सीखते हैं.

तकरीबन 2 से 3 हप्तों के भीतर चूजे आत्म निर्भर हो जाते है. और अपना घोंसला छोड़ देते है.

चकोर पक्षी कहाँ पाया जाता है.

इस पक्षी की सबसे अधिक तादाद भारत देश में पश्चिमी हिमालय की भीतरी सीमा में पायी जाती है. इसके अलावा नेपाल, जॉर्डन, इज़राइल, फिलिस्तीन, लेबनान, सीरिया, तुर्की, कुर्दिस्तान, ईरान, अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान, पाकिस्तान इन देश व राज्यों में भी चकोर बर्ड की आबादी  मौजूद है.

चकोर पक्षी क्या खाता है| chakor pakshi

चकोर पक्षी को सर्वाहारी कहा जाता है. इसके नित्य आहार में घास, बीज, अंकुर, पत्तियां, एवं फूलों की कलियों के साथ कीट भी होते है. जिसमे पतंगे, दीमक, चीटियां और टिड्डे जैसे अनेक प्रकार के किट शामिल है.

कश्मीर में रहने वाले chakor pakshi अपने आहार में eragrostis seeds खाना बहुत पसंद करते है.

बर्फीले इलाकों में रहने वाला चकोर पक्षी भोजन की खोज करते हुए. बर्फ में 20 सेंटीमीटर तक गहरी खुदाई कर सकता है.

इसका आहार मौसम के साथ बदलता रहता है. सर्दि के मौसम में ये बीज खाना पंसद करते है. व गर्मी के दिनों में हरी पत्तियां एवं कीड़ो का भोजन करते है.

जिससे इनको शरीर में जल की कमी पूरी करने में सहायता मिलती है. और बारिश के दिनों में तो सभी प्रकार का भोजन उपलब्ध होता ही है.

चकोर पक्षी का देशांतर गमन कौनसे देशों में किया गया है.

बहरीन, मैसेडोनिया, फ्रांस, जर्मनी, इटली, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और  ऑस्ट्रेलिया इन सभी देशों में मनुष्यों ने ही chakor bird का देशांतर गमन (migration) किया था.

इनमें से कई जगहों पर इसका शिकार भी किया जाता है. विशेष रूप से कोलंबिया, बेसिन, वाशिंगटन और औरिगन में Snake River के आस-पास के इलाकों में, काफी बड़ी मात्रा में चकोर पक्षी का शिकार किया जाता है.

निष्कर्ष

आज इस लेख में हमने chakor bird के बारे में जाना की यह चाँद को देखकर नहीं रोता है. यह सिर्फ एक कवी कल्पना है. चकोर पक्षी का मूल आवास  एशिया महाद्वीप है. लेकिन इसे अन्य देशों में भेजा गया है. यह प्रवासी पक्षी ना होते हुए भी जल की पूर्ति के लिए. कुछ दुरी तक प्रवास कर सकता है. इसकी आबादी संतुलित मानी जाती है. लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है की यह पक्षी मानवों के शिकार करने की वजह से लुप्त हो सकता है.

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