agni ka paryayvachi shabd

अग्नि के पर्यायवाची शब्द | Agni ka paryayvachi shabd

Agni ka paryayvachi shabd: इस लेख में हम अग्नि शब्द के लिए. इस्तेमाल होने वाले ३० से अधिक  पर्यायवाची देखने वाले है. तो चलिए शुरू करते है

यह भी पढ़ें – कक्षा 5 वी के लिए पर्यायवाची शब्द

अर्थ :  कोई भी वस्तु या वायु जलने पर निर्माण होने वाले. प्रकाशयुक्त ताप को अग्नि कहा जाता है.

Agni ka paryayvachi shabd

अनल कालकवि
अगिया चित्रभानु
आतिश तनूनपात्
अगिर तपु
अगन तमोनुद
हृषु तमोहपह
अशिर दाहक
आग द्यु
आशर ध्वांताराति
आशुशुक्षणि परिजन्मा
ज्वल पर्परीक
पावक वर्हा
मलिनमुख वह्नि
यविष्ठ विंगेश
राजन्य हुताशन
लघुलय आगि
अगिन

अग्नि शब्द से बने कुछ वाक्य

अग्नि का उपयोग अति प्राचीन काल से हो रहा है.

अग्नि पंचमहाभूत तत्वों में से एक है.

अग्नि के ताप से पूरा वन धू-धू कर जलने लगा.

भीषण अग्नि में उसका घर जल गया.

अग्नि के स्पर्श से भी हाथ झुलस सकता है.

अग्निदेव की पत्नी का नाम स्वाहा है.

उस इमारत में दहक रही. अग्नि बुझाने के लिए अग्निशामक दल आया था.

हिंदू देवताओं में अग्नि देव का एक महत्वपूर्ण स्थान है.

पवित्र अग्नि के फेरे लेकर शादी पूरी होती है.

बिल्डिंग में अग्नि बुझाने के लिए लोग इकट्ठा हुए थे.

हिंदू धर्म में अग्नि को पवित्र मानते है.

योग विद्या में अग्नि नामक एक हस्त मुद्रा है.

सूरज तपती अग्नि का विशाल गोला है.

अग्नि का इस्तेमाल हर रोज भोजन पकाने के लिए होता है.

इंसान के भीतर स्थित बुद्धि की अग्नि को चित्ताग्नि कहा जाता है.

अग्नि जीवन का ही एक प्रतीक है.

अग्नि के पर्यायवाची शब्दों के वाक्य | Agni ka paryayvachi shabd

  1. उस घर में लगी आग ६ घंटो बाद नियंत्रण में आयी.
  2. उस दिन राजू की आँखों में गुस्से की ज्वाला साफ दिख रही थी.
  3. श्याम ने अपनी अंदर की बुरी. आदतों का दहन कर डाला.
  4. यज्ञ की अनल पवित्र होती है.
  5. लकड़ी एक ज्वलनशील पदार्थ है.
  6. दूर से ही अग्नि की ऊँची दाहक लपटे दिख रही थी.
  7. हनुमान जी ने पूंछ में लगी हुई आग से लंका दहन किया था.

अग्नि के बारे में महत्वपूर्ण बातें | agni ka paryayvachi shabd

अग्नि के ऐसा तत्व है. जिसके बिना मनुष्य जीवन मुमकिन नहीं है. अग्नि का इस्तेमाल आदिमानव काल से ही होता आ रहा. ऐसा माना जाता है. अग्नि की खोज आदिमानव द्वारा गलती से दो पत्थर आपस में टकराने पर हुई थी.

उसके बाद जब मनुष्यों ने अग्नि पर काबू पा लिया था. और साथ में इसका नित्य जीवन में इस्तेमाल भी सीख लिया. अग्नि एक ऐसी ऊर्जा है. जिसके गर्म होने पर, उसमे से रोशनी एवं ताप का निर्माण होता है.

भारतीय ग्रंथों व पुराणों के अनुसार. अग्नि के नियंत्रण करता देव को अग्निदेव कहा जाता है.

भारतीय आयुर्वेद में अग्नि के तीन प्रकार बताए गए है

१ ) भौम – इसका निर्माण तृष्ण, काष्ठ व अदि के जलने से होता है.

२)  दिव्य  – इस अग्नि का निर्माण नभ में बिजली से होता है.

३) जठर – इसका निर्माण पित्त से होता है. जो हमारे पेट में अन्न को भस्म करती है.

हमारा लेख agni ka paryayvachi shabd पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया. इस लेख के बारे में आपके क्या विचार है. ये हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं. इस उपयोगी लेख को अन्य छात्रों के साथ निश्चय ही शेयर कीजिए. और इसमें दिए गए. अन्य महत्वपूर्ण पर्यायवाची शब्द के लेख भी जरुर पढ़ें.

महत्वपूर्ण पर्यायवाची शब्द

सबसे अधिक लोकप्रिय

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *