7 Qc Tools In Hindi: गुणवत्ता के सात बुनियादी उपकरणों का उपयोग. प्रोडक्ट की गुणवत्ता मे त्रुटि (दोष) निकाल कर उसपर समाधान खोजने के लिए किया जाता है.
गुणवत्ता के सात बुनियादी उपकरणों को आधारभूत कहा गया है. क्योंकि इनका इस्तेमाल अंको में न्यूनतम औपचारिक प्रशिक्षण वाले लोग भी करते है.
और ये सबके लिए समझने में भी आसन है. इन सात बुनियादी उपकरणों की खोज जापान के “कोरू इशिकावा” ने किया था.
सातों उपकरण बेनेकी के सात प्रसिद्ध हथियारों से प्रेरित है. 7 qc Tools मुख्य उपयोग गुणवत्ता सम्बंधित कठिन समस्यों को सुलझाने के लिए
किया जाता है .7 Qc Tools के इस्तेमाल में सबसे पहले अंक ( data) संग्रह करते है. उसके बाद उन अंको (data) का विश्लेषण करते है.
फिर समस्या को ठिक से समझने के बाद उसका निवारण करते हैं.
Data Collection—-> Data Analysis——–>Identification of Root Cause——–>solving The issue—-> Measuring The Results
इस तरह 7 Qc Tools की मदत से प्रोडक्ट की समस्याओं को सुलझाकर उनकी गुणवत्ता बढाई जाती है. और उनमे मिलनेवाली कमियों को दूर किया जाता है.
वास्तविकता 7 Qc Tools में diagram ,chart ,sheet की मदत से समस्या संबंधित जानकारी इकट्ठा की जाती है. फिर उस मिली हुई जानकारी के आधार पर गुणवत्ता सुधार हेतु निर्णय लिए जाते है.
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1. Cause-and-effect diagram (also known as the “fishbone diagram” or Ishikawa diagram)– कारण और प्रभाव आरेख.
2. Check sheet —- हिंदी में— जांच पत्र
3. Control chart– हिंदी में —नियंत्रण संचित्र
4. Histogram—हिंदी में –आयतचित्र
5. Pareto chart—-हिंदी में —परेटो चार्ट
6. Scatter diagram – Stratification (alternatively called flow chart or run chart) —हिंदी में —-तितर बितर आकृति
7. Stratification (alternately, flow chart or run chart)
1. Cause-and-effect diagram
Cause-and-effect diagram को फिशबोन डायग्राम अथवा इशिकावा डायग्राम भी कहते है. क्योंकि इस डायग्राम की संरचना मछली के हड्डियों के ढाचे सामान होती है.
पहली बार १९२० के दशक में इसे इस्तेमाल किया गया था. उसके बाद इस आरेख को १९६० के दशक में कोरू इशिकावा ने जापान विख्याति दिलाई थी.
Cause-and-effect diagram का मुख्य इस्तेमाल Products डिजाइन और उसकी गुणवत्ता में दोष,कमी को रोकने के लिए है.
और जिनसे समस्या कैसे और कहा से निर्माण हुई है. उन सभी संभावित मूल कारण की पहचान करने के लिए किया जाता है.
अर्थात इस Qc Tool का उपयोग करते वक्त उन सभी कारणों का पता लगाया जाता है. जिनकी वजह से प्रोडक्ट के क्वालिटी खराब हो गई है.
याफिर हो रही है. इस diagram के प्रयोग में मछली का सिर को दोष [Defect] माना जाता है.
मछली की दाईं और बनी बाईं ओर फैली हुई मछली की हड्डियों और पसलियों को समस्या निर्माण होने के मूल स्रोत और कारण होते है.
Mazda Motors इस कंपनी ने अपने के लिए Cause-and-effect diagram का इस्तेमाल किया था.
Ishikawa diagram में उत्पाद की गुणवता में निर्माण होने वाली समस्या और समस्या के सभी संभावित कारणों का पता लगने के लिय 8 ps , 6 ms और 4 Ss का इस्तेमाल किया जाता है.

निम्नलिखित 8 ps , 4 Ss और 6 ms देखिये.
8 ps
Product (or service)
Price
Place
Promotion
People (personnel)
Process
Physical evidence (proof)
Performance
The 4 Ss
Surroundings
Suppliers
Systems
Skill
6Ms
Man
Machine
Material
Method
Mesurement
Mother Nature
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2. Check sheet
चेक शीट 7 टूल में सबसे आसान और सबसे अधिक उपयोग में आने वाला बुनियादी उपकरणों में से एक है.
जिसका इस्तेमाल लगभग हर तरह कंपनियों में किया जाता है. इस बुनियादी उपकरण में रिकॉर्ड किया जानेवाला डेटा.
रियल टाइम डेटा होता है, यानिकी उस (स्थान) कंपनी में जब वह तैयार हो रहा होता है. उसी समय पर वह डेटा इकट्ठा किया जाता है.
वो सारा डाटा quantitative अथवा qualitative भी हो सकता है. जब डाटा quantitative होता है.
तब उसे चेक शीट की जगह tally sheet भी कहा जाता है.
चेक शीट टूल में किसी भी प्रक्रिया का निरिक्षण करके. उसके सन्दर्भ में निर्माण होने वाले आउटपुट को उसी समय पर चेक शीट में लिखा जाता है.
उदाहरण फार्मा manufacturing कम्पनी में केमिकल की मात्र मापने के लिए Check sheet का इस्तेमाल किया जाता है.

3. Control chart
Control chart को प्रक्रिया-व्यवहार चार्ट और Shewhart charts के नाम से भी पहचाना जाता है. क्योंकि सन १९२० में Dr. Walter A. Shewhart ने Control chart को इजाद किया था. उन्ही के नाम पर इसे Shewhart charts कहा जाता है.
Control chart एक प्रकार का सांख्यिकीय प्रक्रिया नियंत्रण उपकरण है. इसका प्रयोग विनिर्माण (manufacturing) या व्यवसाय प्रक्रिया नियंत्रण में है या नहीं, जांच ने के लिए किया जाता है.
नियंत्रण चार्ट का उपयोग समय-श्रृंखला की जानकारी के लिए किया जाता है.

4 Histogram
Histogram qc tool — जानकारी इकट्ठा करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, उसके विभाजन को समजने के लिए Histogram की जरुरत होती है.
Numerical डाटा का वितरण बेहतर तरीके से करने के लिए. Histogram इस उपकरण का उपयोग होता है.
बुनियादी उपकरण आयतचित्र (Histogram) का सबसे पहले इस्तेमाल कार्ल पियर्सन ने किया था.
एक अच्छा हिस्टोग्राम बनाने के लिए. कमसे काम 30 अंको का (value) डाटा चाहिए.
अगर किसी बड़ी उत्पादक कंपनी का Histogram तैयार करना है. तो १०० से भी अधिक numerical डाटा की आवश्यकता होती है.
क्योंकि Histogram बुनियादी उपकरण का इस्तेमाल करने के लिए.
जितना ज्यादा डाटा इस्तेमाल किया जाता है. उतना ही बहेतर Histogram और Analisis मिलता है.

5. Pareto chart
Pareto chart Qc Tools में दो “Y” एक्सिस और एक “X”एक्सिस होते है. उत्पाद निर्माण में आने वाली गुणवत्ता संबंधित सभी समस्याएं हम एक साथ नहीं सुलझा सकते.
इसलिए Pareto chart के एनालिसिस में हमे मुख्य और सबसे पहले कौनसी समस्या सुलझाने की जरूरत है?
यह पता चलता है और बाकि समस्याओं को उनकी priority के हिसाब से बांटा जाता है.
Pareto chart की रचना बार चार्ट और लाइन चार्ट की मदत से की जाती है. जिसमे “bar” individual values descending Order में दर्शाते है और लाइन चार्ट cumulative total को दर्शाते है.
Pareto सिद्धांतों पर इस चार्ट का नाम परेटो चार्ट रखा गया. है

6. Scatter diagram
Scatter diagram को scatterplot, scatter graph, scatter chart, scattergram, or scatter plot भी कहा जाता है.
उत्पाद की गुणवत्ता में किसी भी समस्या के निर्माण के सभी कारण
और उन कारणों की वजह से और कौन-कौन से विभिन्न प्रभाव उत्पन्न हो रहे हैं.
ये सभी जानकारियाँ के प्राप्त होने के बाद. उसका उपयोग करके Scatter diagram बनाया जाता है.
तितर बितर आकृति (Scatter graph) का एनालिसिस करते वक्त कौनसे भी दो चर (variable) आपस में “कैसे” संबंधित है. ये जानने की आवश्यकता होती है.
एक ही प्रकार का सम्बन्ध दो variables में “है याफिर नहीं”. यह जानने की आवश्यकता भी होती है. यह Qc Tools डाटा के बीच का संबंध पहचाने के लिए उपयोगी है.

7. Stratification (alternately, flow chart or run chart)
Stratification , flow chart —-यह बुनियादी उपकरण इस्तेमाल करने में और समझने भी सबसे आसान है.
flow chart उसके नाम की तरह जी एक Sequence में काम करता है. फ़्लोचार्ट को स्टेप बाय स्टेप flow में आसानी से कोइ भी समझ सकता है.
फ्लो चार्ट में arrow से different shape के आकार, एक साथ जोड़े जाते है.
सभी डाटा arrows और shapes में प्रस्तुत करने पर हमे समस्या का पता चलता है. Stratification से हमे सुधार की जरुरत असल में कहा है. ये जानकारी आसानी से और त्वरित मिलती है.
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Type of flow chart फ्लो चार्ट का प्रकार
Document flowchart – इस चार्ट में एक बेहतर सिस्टम के माध्यम से कंपनी के विविध महत्वपूर्ण दस्तावेजों को विशेष अनुक्रम में रखा जाता है. ताकि बाद मे जरुरत पडने पर analysts उन सभी दस्तावेजों को आसानी से समझ सके, विश्लेषण कर सके, या इस्तेमाल कर सके.
System flowcharts – इस चार्ट की सहायता से भौतिक या संसाधन स्तर पर नियंत्रण रखा जाता है.
Data flow chart -यह कंपनी के संवेदनशील डाटा पर नियंत्रण रखने के काम आता है.
Program flowchart — इस चार्ट की सहायता से सिस्टम के भीतर जितने भी प्रोग्राम या एल्गोरिथ्म होते है, उन सभी पर नियंत्रण रखा जाता है.
8.Benefits Of Quality Control (7 qc tool) क्वालिटी कंट्रोल से होने वाले फायदे
- क्वालिटी कंट्रोल से कम्पनी कहा गलती कर रही है. जिससे प्रोडक्ट क्वालिटी खराब होती है. यह पता चलता है.
- क्वालिटी कंट्रोल मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेस सेक्टर कम्पनी के प्रोडक्ट और बेहतरीन बनते है.
- क्वालिटी कंट्रोल से कम्पनी के काम करने के तरीकों में सुधार आता है.
- क्वालिटी कंट्रोल प्रक्रिया लागत (process cost) को कम करता है. जिससे कम्पनी और ग्राहक दोनों को फायदा होता है.
- प्रोसेस कॉस्ट घट ने से कम्पनी ग्राहक को कम दामो में प्रोडक्ट उपलब्ध करा सकती है.
- क्वालिटी कंट्रोल से कम्पनी कम समय में ज्यादा प्रोडक्ट बना सकती है.
- क्वालिटी कंट्रोल से कम्पनी में अनुशासन (discipline) आता है.
- क्वालिटी कंट्रोल से कम्पनी और ग्राहक के बीच के संबंधों में सुधार आता है (customer relationship)
नमस्कार दोस्तों आपको 7 qc tools in Hindi यह पोस्ट कैसी लगी यह कमेंट करके जरूर बताएं.
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